CG NEWS : रायपुर: परस राम साहू – साहू सिविल कांट्रेक्टर अमर चौक, रामेश्वर नगर, भनपुरी रायपुर के द्वारा आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती के पावन अवसर पर अपने पुराने निवास में पूर्ण विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ भव्य पूजा-अर्चना संपन्न की गई। यह आयोजन श्रद्धा एवं भक्ति के साथ किया गया, जिसमें भगवान विश्वकर्मा की महिमा का गुणगान किया गया और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना की गई।
CG NEWS : परस राम साहू ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा संसार के प्रथम वास्तुकार, निर्माण और सृजन के देवता हैं, जिनकी प्रतिमा के सामने आज हम सभी श्रमिक और कारीगर उनके आशीर्वाद से अपने कार्यों में निपुणता और सफलता पाने का संकल्प लें। इस अवसर पर उन्होंने सभी श्रमवीरों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा जयंती का दिन केवल पूजा-अर्चना का दिन ही नहीं, बल्कि यह हमें अपने श्रम और कर्म के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा भी देता है।
CG NEWS : पूजा के दौरान घनश्याम साहू, कमलेश साहू सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। सभी ने मिलकर इस पावन दिन का उल्लास मनाया और भगवान विश्वकर्मा की महिमा का गुणगान किया। परस राम साहू ने पूजा में भाग लेने वाले सभी गणमान्य अतिथियों और श्रमिकों का स्वागत मोमेंटो देकर किया, जिससे समारोह की गरिमा और बढ़ गई। साथ ही, अपने श्रमिकों को भी सम्मानित किया गया और उन्हें मोमेंटो भेंट कर उनके योगदान के लिए बधाई दी गई।
CG NEWS : यह आयोजन इस बात का प्रतीक था कि परस राम साहू न केवल अपने व्यवसाय में सफलता चाहते हैं, बल्कि अपने श्रमिकों और कर्मचारियों को भी सदैव प्रोत्साहित करते हैं, ताकि वे अपने कार्य में पूरी लगन और मेहनत के साथ जुटे रहें। विश्वकर्मा जयंती के इस शुभ अवसर पर यह पूजा-संस्कार सभी के लिए प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक साबित हुआ, जिससे श्रमिक समुदाय में एकता और समर्पण की भावना मजबूत हुई।
CG NEWS : परस राम साहू की यह पहल समाज में कार्यशीलता और मेहनत की महत्ता को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास और सहयोग से ही संभव है। उनके इस आयोजन ने सभी उपस्थित जनों के मन में श्रम के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव उत्पन्न किया, जो आगे भी इसी प्रकार चलता रहेगा।
CG NEWS : इस प्रकार, परस राम साहू द्वारा आयोजित यह विश्वकर्मा जयंती पूजा आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि श्रम और कारीगरों के लिए एक उत्सव भी था, जिसने सभी को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और प्रेरित किया।