Chhattisgarh Rain Alert: छत्तीसगढ़ में आज कई जगहों पर बौछार पड़ेगी। आज रायपुर समेत कई इलाकों में बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम एक्सपर्ट का कहना है कि नमी हवाओं की वजह से मौसम कुछ दिनों ठंडा रहेगा। इसके बाद तापमान में बढ़ोतरी होगी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पूर्व पश्चिम द्रोणिका दक्षिण राजस्थान और उससे सटे उत्तरी गुजरात के ऊपर स्थित चक्रवाती परिसंचरण के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दक्षिण झारखण्ड होते हुए उत्तरी ओडिशा तक समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर स्थित है।
Chhattisgarh Rain Alert:इसके प्रभाव से प्रदेश में मौसम खुशनुमा बना हुआ है। साथ ही कई इलाकों में बादल छाए हुए हैं। कहीं-कहीं हल्की धूप निकली हुई है। साथ ही बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में दिल्ली सहित इन 15 से ज्यादा राज्यों में बारिश होने की संभावना है। जिसमें पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ कुछ स्थानों पर भारी बर्फबारी हो सकती है। वहीं, राजस्थान, हरियाणा के कुछ हिस्सों, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ धूल भरी आंधी और छिटपुट ओलावृष्टि हो सकती है।
Chhattisgarh Rain Alert: IMD ने बिहार के अलावा इन राज्यों को लेकर भी बारिश की संभावना जताई है। मराठवाड़ा, विदर्भ, ओडिशा, झारखंड और जेनेटिक पश्चिम बंगाल में गरज के साथ कुछ मध्यम बारिश और अलग-अलग जगहों पर ओलावृष्टि हो सकती है। इसके अलावा, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में गरज के साथ कुछ मध्यम बारिश के साथ हल्की बारिश संभव है।
Chhattisgarh Rain Alert: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को बताया कि इस बार जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। मौसम विभाग (IMD) 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है। पिछले साल IMD ने 96% बारिश का अनुमान जताया था। हालांकि, उस दौरान अनुमान से 2% कम यानी 94% ही बारिश दर्ज की गई थी।
Chhattisgarh Rain Alert: प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने 9 अप्रैल को अपना अनुमान जारी किया था। एजेंसी ने बताया था कि इस बार मानसून सामान्य रहेगा। यानी जून से सितंबर तक 4 महीने में 96 से 104% के बीच बारिश हो सकती। भारत में आमतौर पर मानसून 1 जून के आसपास केरल के रास्ते आता है। 4 महीने की बरसात के बाद यानी सितंबर के अंत में राजस्थान के रास्ते मानसून की वापसी होती है।