
नई दिल्ली। भारत का नाम इस वक्त देश के सबसे ताकतवर देशों में शामिल है। देश लगातार प्रगति कर रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है। लेकिन इन सबके बीच सबसे चिंताजनक विषय है भारत पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ। रिकॉर्ड तोड़ जीएसटी कलेक्शन के बावजूद सरकारी योजनाओं और घोषणाओं की वजह से भारत लगातार कर्ज के बोझ तले दब रहा है। नतीजा यह है कि यह आंकड़ा बढ़कर 205 लाख करोड़ पर पहुंच गया है।
भारत पर बढ़ रहे बोझ को लेकर अब IMF ने भी अलर्ट कर दिया है। भारत पर कर्ज का बोझ 2.47 ट्रिलियन यानि 205 लाख करोड़ पहुंच गया है। आईएमएफ ने कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि पर आगे आने वाले जोखिम संतुलित हैं। मगर उम्मीद से अधिक पूंजीगत व्यय और अधिक रोजगार के मद्देनजर वृद्धि दर का अनुमान 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया गया है।
भारत ने आईएमएफ को बताया है कि उसे 7 से 8 फीसदी वृद्धि होने की पूरी उम्मीद है। आईएमएफ ने कहा, ‘निकट भविष्य में वैश्विक वृद्धि दर में भारी गिरावट व्यापार एवं वित्तीय रास्तों से भारत को प्रभावित करेगी। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान से जिंसों के दाम घटेंगे-बढ़ेंगे, जिससे सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ जाएगा। देश में महंगाई के कारण खाद्य वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है। अच्छी बात यह है कि उपभोक्ता मांग और निजी निवेश उम्मीद से बेहतर रहने के कारण वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।’