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Gariaband News: सातवीं शताब्दी में निर्मित राम जानकी मंदिर ईंटों से बनाया गया, मंदिर के चार अंग महामंडप, अंतराल, गर्भगृह और प्रदक्षिणापथ है

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Gariaband News: (डीके) ठाकुर/ गरियाबंद -राजिम – नवापारा । कमलक्षेत्र की आराध्य देवी मां महामाया मंदिर से राजीवलोचन मार्ग पर प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर प्रस्थापित है। इस मंदिर को वर्तमान में फूलों से शानदार सजाया जा रहा है गेंदा फूल के द्वारा आकर्षक लुक दिया गया है जो देखते ही बन रही है इन्हें कल भी मनोहरी स्वरूप दिया जाएगा। 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भजन कीर्तन के साथ अनेक कार्यक्रम होंगे जिसके तैयारी अभी से चल रही है।

 

Gariaband News: बताया गया कि पर्यटन मंडल नई दिल्ली के द्वारा मंदिर को छिलाई किया गया है। जिसके कारण पूरी मंदिर में ईंट बस दिखाई दे रहे हैं। वहां काम कर रहे हैं मजदूर दीवाल पर मिट्टी तेल लगा रहे थे। इस मंदिर में करोड़ों लोगों की श्रद्धा है। धर्म नगरी आने वाले लोग राम मंदिर जरूर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। ज्यादा जानकारी चाहने पर कुछ लोगों ने बताया कि राम जानकी मंदिर का निर्माण जगत शिल्पी भगवान विश्वकर्मा के द्वारा किया गया है। एक लंबे अंतराल के पश्चात दुर्ग नरेश जगतपाल ने इस पौराणिक मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्य एवं आकर्षक स्वरूप प्रदान किया था।

 

Gariaband News: गर्भगृह में स्थापित राम, जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमाएं वनवासी वेशभूषा में है इनका निर्माण सातवीं आठवीं शताब्दी माना गया है। मंदिर के प्रस्तर स्तंभों में बड़ी ही सुंदर कलानक्काशी की गई है। मंदिर के चार अंग महामंडप, अंतराल, गर्भगृह और प्रदक्षिणा पथ है ।महामंडप के स्तंभों का शिल्प की दृष्टि से अत्यंत महत्व है। प्रत्येक पार्श्वभिक्ति पर स्तंभों की संख्या भी चार-चार है। स्तंभ का निकला दो तिहाई भाग समचतुरस्त्र है उसके ऊपर क्रमशः समअष्टस्त्र आदि आते हैं।

 

Gariaband News: दाहिने और की पंक्ति के दूसरे स्तंभ पर सालभंजिका की अत्यंत ही मनोहारी मूर्ति है इसी तरह बाई और के दूसरे स्तंभ पर आलिंगनबद्ध मिथुन मूर्तियां है। भारतीय शिल्पियों के सौंदर्य संबंधी प्रतिमान का निर्धारण मूल्यांकन करने के लिए सालभंजिका की मूर्ति स्वीकार की जाती है। भ्रांतिवस लोग इसे सीता की मूर्ति मानते हैं। इन प्रतिमाओं के वामपाश्र्व में एक पुरुष की आकृति बनाई गई है जिसके हाथ में सर्प दिखाया गया है नारी की तुलना में यह मूर्ति बौनी है दोनों ही मूर्ति एक दूसरे के गलबहिया डाले हुए हैं। जिस तरह से उड़ीसा के कोणार्क मंदिर और मध्य प्रदेश के खजुराहो में मिथुन रथ प्रतिमाएं हैं इस तरह से राम जानकी मंदिर में पाषाण पर कलात्मक प्रतिमाओं उकेरी गई है भारतीय कला संस्कृति का नायाब नमूना है जो यहां देखने को मिलता है। इसी तरह से दाहिने बाजू वाले स्तंभ पर भी मन और शिशु का चित्रांकन बहुत ही सुंदर है। इस प्राचीन कालीन मंदिर की जितनी तारीफ किया जाए वह बहुत कम है।

 

Gariaband News: मंदिरों की नगरी राजिम

Gariaband News: धर्म नगरी राजिम में अनेक मंदिरों की जानकारी मिलती है जिसके कारण यह मंदिरों की नगरी कहे तो कोई अतिशक्ति नहीं होगी। प्रमुख रूप से भगवान विष्णु का राजीव लोचन मंदिर, शिव जी का कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर, कमल क्षेत्र के आराध्य देवी मां महामाया मंदिर, शीतला माता मंदिर, बाबा गरीब नाथ महादेव मंदिर, सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर, सूर्य देव मंदिर सहित 84 मंदिरों की जानकारी मिलती है।