GOOD NEWS :दिल्ली। 1वीं-12वीं क्लास में मैथ्स लेकर पढ़ाई करने वाले छात्र भी अब डाॅक्टर बनने NEET UG की परीक्षा दे सकेंगे। जीं हो NMC ने नई गाइडलाइन जारी की है। जिसमें 11वीं और 12वीं में मैथ्स लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी अब भविष्य में मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने और डॉक्टर बनने का मौका मिलेगा। इसके लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल यानी NMC ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। आपको बता दे कि इससे पहले तक केवल 11वीं और 12वीं क्लास में बाॅयोलाजी विषय लेकर पढ़ाई करने वाले छात्र ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते थे।
GOOD NEWS :NMC के गाइडलाइन के अनुसार 11वीं-12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी या फिर फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स दोनों विषय के छात्र NEET UG की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। हालांकि फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स को एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर बायोटेक्नोलॉजी की परीक्षा देनी जरूरी होगी। NMC के नोटिस में बताया गया है कि 12वीं पास करने के बाद एडिशनल सब्जेक्ट्स के रूप में अंग्रेजी के साथ-साथ फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी,बायोटेक्नोलॉजी पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स NEET UG परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे।
GOOD NEWS :NEET परीक्षा भारत में MBBS और BDS पाठयक्रम में एडमिशन के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा ऐसे परीक्षार्थियों को एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट दिए जाने पर भी विचार किया जाएगा। एनएमसी के इस सर्टिफिकेट से स्टूडेंट्स विदेश में भी ग्रेजुएट मेडिकल पाठयक्रम में एडमिशन के लिए पात्र हो जाएंगे।NMC के इस नए फैसले से अब उन छात्र-छात्राओं को मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने का रास्ता खुलेगा जो 12वीं में मैथ्स स्ट्रीम से पढ़ाई करना चाहते हैं। इससे स्टूडेंट्स के लिए पहले से और ज्यादा करियर ऑप्शंस के दरवाले खुलेंगे।
GOOD NEWS :NEET UG में शामिल होने और विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सर्टिफिकेट देने के नियमों में बदलाव का निर्णय 14 जून को किया गया था। NMC ने 12वीं कक्षा में अलग-अलग विषयों के अध्ययन में लचीलेपन का हवाला देते हुए इस कदम को सही ठहराया था। ऐसे में अब ये नया नियम अगले एकेडमिक सेशन से ही लागू हो जायेगा। जिसका सीधा फायदा मैथ्स लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी मिल सकेगा।