Income Tax officers: रायपुर। दीपावली के तीन दिन पहले आयकर अफसरों की टीम भिलाई के दो पटाखा कारोबारियों के रायपुर तथा भिलाई (Bhilai )के 10 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई करने के लिए पहुंची है। इसके साथ ही एक माइनिंग कारोबारी तथा ट्रांसपोर्टर के रायपुर तथा दल्लीराजहरा स्थित चार ठिकानों पर छापे (raids)-की कार्रवाई करने आईटी अफसर पहुंचे हैं। छापे की कार्रवाई टैक्स चोरी करने की आशंका पर की गई है। छापे की कार्रवाई में अब तक क्या मिला है, इसकी आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं है। छापे की कार्रवाई बुधवार तड़के छह बजे से जारी है।
Income Tax officers:सूत्रों के मुताबिक, आईटी की टीम भिलाई, पदुमनगर स्थित धिंगानी फायर वर्क्स के संचालक सुरेश धिंगानी तथा एक अन्य पटाखा कारोबारी हुकुमचंद के यहां छापे की कार्रवाई करने के लिए पहुंची है। दोनों थोक पटाखा कारोबारी बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही आईटी की टीम देव माइनिंग के संचालक सौरभ जैन के रायपुर स्थित देवेंद्र नगर निवास तथा उसके रायपुर स्थित दो अन्य कार्यालय और दल्लीराजहरा में छापे की कार्रवाई करने के लिए पहुंची है। छापे की कार्रवाई में 60 के करीब आयकर अफसर तथा 40 के करीब सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवान शामिल हैं।
Income Tax officers:ईडी द्वारा छापे की कार्रवाई का हल्ला
Income Tax officers:पटाखा कारोबारी सुरेश धिगानी के प्रतिष्ठान में छापे की कार्रवाई की सुबह से पुष्टि हो गई थी, लेकिन इसकी जानकारी किसी को नहीं थी कि छापे की कार्रवाई आईटी की है या ईडी की। धिगानी के प्रतिष्ठान में इंडी की कार्रवाई होने का हल्ला था। आयकर अफसरों से संपर्क करने पर स्पष्ट हो पाया कि धिंगानी के यहां छापे की कार्रवाई ईडी की नहीं है। कारोबारी के यहां ईडी की कार्रवाई का हल्ला होने की वजह उसके यहां एक माह पूर्व ईडी की टीम छापे की कार्रवाई करने के लिए पहुंची थी।
Income Tax officers:छापे की कार्रवाई दो से तीन दिन तक चल सकती है
Income Tax officers:सूत्रों के मुताबिक पटाखा कारोबारी तथा माइनिंग कारोबारी के यहां छापे की कार्रवाई दो से तीन दिन तक जारी रह सकती है। पहले दिन की कार्रवाई में अब तक क्या मिला, इसकी अधिकृत तौर पर किसी तरह से जानकारी नहीं मिल पाई है। आईटी अफसर पटाखा कारोबारियों के अलावा माइनिंग कारोबारी के यहां दस्तावेजों की पड़ताल कर रहे हैं। साथ ही उनके तीन साल के आईटी रिटर्न की जांच कर रहे हैं।
Income Tax officers:सेंट्रल जीएसटी ने बस सहित 25 से ज्यादा माल वाहक वाहनों को रोका
Income Tax officers:बगैर ई-वे बिल के माल परिवहन करने पर एक यात्री बस सहित 25 से ज्यादा ट्रकों के खिलाफ सेंट्रल जीएसटी के अफसरों ने कार्रवाई करते हुए खड़ी कर दिया है। यात्री बस रायपुर से इंदौर जाने वाली हंस ट्रैवल्स की बस है। यात्री बस में माल होने तथा माल का ई-वे बिल नहीं होने की वजह से बस को गंतव्य तक जाने से रोक दिया गया है। इसके कारण बस पर सवार यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बस में यात्रा करने वाले यात्रियों को उनका रिफंड भी नहीं मिल पाया है। बस संचालक ने यात्रियों को उनके अकाउंट में टिकट का फेयर ऑनलाइन ट्रांसफरकरने का आश्वासन दिया है।
Income Tax officers:बगैर ई-वे बिल के माल परिवहन
Income Tax officers:गौरतलब है, विधानसभा चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सेंट्रल जीएसटी तथा सेंट्रल एक्साइज की टीम मालवाहन वाहनों की जांच कर रही है। इसी दौरान सेंट्रल जीएसटी की टीम को हंस ट्रैवल्स की बस में सामान परिवाहन करने की जानकारी मिली। इसके बाद अफसरों की टीम ने बस को रोककर अंदर जांच की तो बस के अंदर • इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ और कई तरह के भारी मात्रा में काटून में तथा प्लास्टिक के बोरे में सामान पैक मिले। मौके पर अफसरों ने कंडक्टर को ई-वे बिल दिखाने के लिए कहा, तो वह अफसरों को चालान रसीद तथा कच्चे का बिल दिखा पाया। इस वजह से सेंट्रल जीएसटी के अफसरों ने बस को रोक कर अपने कार्यालय के पास खड़ी कर दिया।
Income Tax officers:ज्यादातर मालवाहक वाहनों में प्लास्टिक तथा जूते, चप्पल
Income Tax officers:जानकारी के मुताबिक बगैर ई-वे बिल के माल परिवहन करने वाले जितने भी मालवाह वाहन को खड़े किया गया है, उनमें जूते, चप्पल तथा प्लास्टिक के सामान हैं। कई मालवाहन वाहन के चालकों द्वारा पेश किए गए ई-वे बिल तथा ट्रक में लोड सामान की जांच करने के बाद जाने दिया गया।
Income Tax officers:रिफंड नहीं मिलने से यात्री परेशान
Income Tax officers: हंस ट्रैवल्स की बस में यात्रा करने वाले ज्यादातर यात्री इंदौर के है, साथ ही वे स्थानीय नहीं हैं। इस वजह से उन यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों के मुताबिक उन्हें बताया गया था कि शाम पांच बजे बस इंदौर के लिए रवाना कर दी जाएगी। इसके बाद यात्रियों को बस कैंसिल होने की सूचना दी गई। साथ ही यात्रियों को रिफंड का पैसा उनके अकाउंट में ट्रांसफर करने की जानकारी दी। यात्रियों का कहना है कि उन्हें बस कैंसिल होने की जानकारी पहले दे दी जाती, तो वे अपने गंतव्य तक जाने के लिए कोई दूसरी वैकवल्पिक व्यवस्था कर सकते थे।