New Criminal Laws

New Criminal Laws: जुलाई से लागू होंगे 3 नए क्रिमिनल लॉ, राजद्रोह की जगह देशद्रोह का इस्तेमाल, ठग 420 नहीं 316 कहलाएंगे, हत्यारों को 302 नहीं 101 में मिलेगी सजा, जानें और क्या बदलेगा…

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New Criminal Laws: नई दिल्ली। जुलाई माह से 3 नए क्रिमिनल लॉ लागू हो जाएंगे। धोखाधड़ी मामले में नए कानून के हिसाब से 420 नहीं 316 कहलाएंगे। वहीं हत्या मामले में 302 नहीं 101 के तहत सजा मिलेगी।

New Criminal Laws: बता दें कि देश में तीन नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम) 1 जुलाई से लागू होंगे। इन्हें भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने वाला बताया जा रहा है।

New Criminal Laws: -तीन कानूनों को संसद में मिली मंजूरी

New Criminal Laws: तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिली और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन कानून को अपनी सहमति दी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी तीन अधिसूचनाओं के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान एक जुलाई से लागू होंगे।

New Criminal Laws: – न्याय प्रणाली में पूरी तरह से बदलाव

New Criminal Laws: ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है।

New Criminal Laws: -इन विधेयकों पर हुई चर्चा

New Criminal Laws: संसद में तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सवालों के जवाब दिए थे। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का जोर पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने पर नहीं, बल्कि न्याय मुहैया कराने पर है।

New Criminal Laws: आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा दी गई

New Criminal Laws: उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजा को परिभाषित करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव लाना है। इनमें आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा दी गई है, राजद्रोह को अपराध के रूप में खत्म कर दिया गया है और राज्य के खिलाफ अपराध शीर्षक से एक नया खंड जोड़ा गया है।

New Criminal Laws: देशद्रोह कानून को लेकर क्या कहा गया

New Criminal Laws: ये विधेयक सबसे पहले अगस्त में संसद के मॉनसून सत्र में पेश किए गए थे। गृह मामलों पर स्थायी समिति की ओर से कई सिफारिशें किए जाने के बाद सरकार ने विधेयकों को वापस लेने का फैसला किया। इसके बाद इन्हें नएपन के पेश किया गया था।

New Criminal Laws: अपराधों को देशद्रोह कानून के नए अवतार में सूचीबद्ध किया गया: शाह

New Criminal Laws: शाह ने कहा था कि तीनों विधेयकों को व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। उन्होंने इन्हें सदन में पेश किए जाने से पहले मसौदा विधेयक के प्रत्येक अल्पविराम और पूर्णविराम पर गौर किया है। भारतीय न्याय संहिता अलगाववाद के कृत्यों, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियां, अलगाववादी गतिविधियां या संप्रभुता या एकता को खतरे में डालने जैसे अपराधों को देशद्रोह कानून के नए अवतार में सूचीबद्ध किया गया है।

New Criminal Laws: अखंडता को खतरे में डालने पर उम्रकैद

New Criminal Laws: कानूनों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अगर शब्दों या संकेतों या दृश्य प्रतिनिधित्व या इलेक्ट्रॉनिक संचार या वित्तीय या अन्य माध्यम से जानबूझकर अलगाववाद या सशस्त्र विद्रोह या विध्वंसक गतिविधियां भड़काता या भड़काने की कोशिश करता है या अलगाववादी गतिविधियों की भावना या संप्रभुत्ता व एकता और भारत की अखंडता को खतरे में डालने के लिए उकसाता है।

New Criminal Laws: -ऐसे कृत्य के लिए उम्रकैद की सजा

New Criminal Laws: ऐसे कृत्य के लिए उम्रकैद की सजा हो सकती है या 7 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही उस पर जुमार्ना भी लगाया जा सकता है। देशद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के अनुसार, अपराध में शामिल व्यक्ति को उम्रकैद की सजा या 3 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। नए कानूनों के अनुसार, राजद्रोह के स्थान पर देशद्रोह शब्द लाया गया है।