Politics Story : प्रदीप शर्मा/बेंगलूरु/नई दिल्ली। 8 मंत्रियों ने शपथ ली उनमें मल्लिकार्जुन के बेटे प्रियंक खरगे को भी मंत्री बनाया गया। हालांकि पार्टी के नेता इसे ऐतिहासिक पल बता रहे हैं मगर इस शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी एक बार फिर परिवारवाद की ओर लौटती दिख रही है।
Politics Story : कर्नाटक में शनिवार 20 मई को सिद्धारमैया ने सीएम पद की शपथ ली उनके साथ डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम और आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन भी मौजूद रहे।
Politics Story : प्रियांक खरगे को मंत्री बनाकर कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए एक परिवार एक टिकट एक पद वाले फैसले को एक तरीके से दरकिनार कर दिया। डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। पार्टी के ये दोनों फैसले एक तरीके से कर्नाटक में नए कांग्रेस के उभार के तौर पर देखा जा रहा है।
Politics Story : आपको ये भी याद दिला दें जब कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा था तब सोनिया गांधी की पसंद बताए जाने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव लड़ने के लिए शर्त रखी थी वो चुनाव के लिए तैयार हैं मगर सीएम भी बने रहेंगे। तब पार्टी में उदयपुर चिंतन शिविर में लिए एक परिवार, एक टिकट, एक पद वाले संकल्प की बात को लेकर पार्टीस्तर पर गहलोत का पुरजोर विरोध का सामना करना था। बाद में गहलोत चुनाव से बाहर हो गए और अपने सीएम की कुर्सी बचा ली।
Politics Story : जबकि, कर्नाटक में उभरी नई कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए संकल्प को पूरे तरीके से दरकिनार कर दिया। हालांकि ‘एक परिवार एक टिकट’ के बावजूद बड़े नेताओं के बेटों को टिकट देने के लिए पांच साल तक पार्टी में काम करने की शर्त रखी गई। मल्लिकार्जुन के बेटे प्रियांक खड़गे भले ही इन शर्तों को पूरा कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए परिवारवाद के आरोपों से बचना मुश्किल होगा।
Politics Story : बता दें कि भाजपा वर्षों से कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाती रही है। भाजपा कांग्रेस को गांधी परिवार के पॉकेट की पार्टी बताती रही है। बहरहाल कर्नाटक में आज कुछ सामने आया उसने आने वाले समय में विपक्ष को कांग्रेस को घेरने का एक मुद्दा तो मिल ही गया।