Prayagraj Mahakumbh 2025 :प्रयागराज: वसंत पंचमी के दिन महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान जारी है। संगम की ओर रुख करते हुए साधु-संत तलवार, गदा, डमरू और शंख के साथ स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। शरीर पर भभूत और आंखों में काला चश्मा लगाए, घोड़े और रथ की सवारी करते हुए साधु “हर-हर महादेव” के उद्घोष के साथ संगम की ओर बढ़ रहे हैं।
Prayagraj Mahakumbh 2025 :स्नान करने के लिए सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संत पहुंचे, इसके बाद जूना और किन्नर अखाड़ों ने भी अमृत स्नान किया। कुल 13 अखाड़े स्नान करेंगे, और लाखों श्रद्धालु साधुओं का आशीर्वाद लेने के लिए संगम पर मौजूद हैं। नागा साधुओं की चरण रज माथे पर लगाने के लिए भक्त बड़ी संख्या में मौजूद हैं। 20 से ज्यादा देशों के श्रद्धालु भी इस दिव्य स्नान का हिस्सा बनने के लिए संगम पहुंचे हैं। हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, और रास्तों पर 10 किमी तक भक्तों की भीड़ देखी गई। प्रयागराज जंक्शन से लोग 8 से 10 किमी पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं।
Prayagraj Mahakumbh 2025 :महाकुंभ में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। 60,000 से ज्यादा जवान तैनात हैं, और 100 से ज्यादा नए IPS अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 2750 CCTV कैमरे लगाए गए हैं और हेलिकॉप्टर से भीड़ की निगरानी की जा रही है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कंट्रोल रूम में 3 बजे से मॉनिटरिंग कर रहे हैं, साथ ही डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और सीनियर अफसर भी मौजूद हैं।
Prayagraj Mahakumbh 2025 :वसंत पंचमी के दिन तक 52.25 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ का 22वां दिन है, और अब तक 34.97 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि आज 3 से 4 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे।
Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ के इस खास दिन पर, ब्रह्म मुहूर्त में साधु-संत और अखाड़े के साधु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए निकले। सबसे पहले महानिर्वाणी अटल अखाड़े ने डुबकी लगाई, उसके बाद अन्य अखाड़े भी स्नान के लिए पहुंचे। इस दौरान साधु हथियारों के साथ ढोल नगाड़ों की धुन में संगम पहुंचे।
Prayagraj Mahakumbh 2025 :सुरक्षा के लिए इस बार विशेष ध्यान रखा गया है, खासकर मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ को ध्यान में रखते हुए। सफाई का भी खास ख्याल रखा जा रहा है और सफाई कर्मी लगातार संगम क्षेत्र में सफाई कर रहे हैं। महाकुंभ का ये आखिरी शाही स्नान श्रद्धा, सुरक्षा और भव्यता के साथ संपन्न हो रहा है, और भक्तों की आस्था पूरी तरह से नजर आ रही है।