भारत के मालाबार तट पर केरल राज्य का शहर है यह एक व्यापार केंद्र और जीवंत कोल्लम और एकांत तिरुमुल्लावरम जैसे समुद्र तटों के लिए जाना जाता है।

कोल्लम 16वीं सदी में पुर्तगालियों के समय से ही केरल में काजू उद्योग का केंद्र रहा है।कोल्लम अभी भी सबसे बड़ा प्रसंस्कृत काजू निर्यातकबना हुआ है ।

यहां की एक विचित्र दृष्टि देखने को मिलती है , कहा जाता है की यह पे चमायाविलक्को नाम का एक फेस्टिवल बहुत रंगीन तरीके से मनाया जाता है ।

कोल्लांकुलांगर देवी मंदिर में यहा एक रहस्य मान्यता हैं। यहां पर पुरुष मंदिर में जाते ही महिला बन जाते है

जी हां यहां पर पुरुष महिलाओं का वेश धारण करके 16 श्रृंगार करके मंदिर में पूजा करने जाते है यहाँ पुरुष बहुत सुंदर तरीके से तैयार होते है

ऐसी मान्यता हैं की इस मंदिर में देवी को प्रसन्न करने के लिए पुरुष महिला बन के जाते है ताकि उनकी कामना पूरी हो जाए ।

यहां सबकी मान्यता बहुत जल्दी पूरी हो जाती है ।और रात के समय पुरुष पारंपरिक दिया और वाद्य यन्त्र के साथ सोभायात्रा भी निकलते है ।

यह प्रथा बहुत प्राचीन काल से चली आ रही है ,कहते है की सालो  पहले यह जंगल हुआ करता था तभी एक दिन यह जंगल में बच्चो को नारियल मिला ,

जब इस नारियल को पत्थर से तोड़ा तो उसमे से खून निकला ,पर उस गांव के मंदिर के पुजारी ने कहा की इस पत्थर में देवी का वास है ।

उस वक्त लड़किया ही पूजा करती थी लेकिन धीरे धीरे पुरुष भी लड़कियों की तरह पूजा करने जाने लगे ,तब से यह प्रथा यह पर मनाई जाने लगी।

कोल्लम सिटी अन्य चीजों के लिए भी काफी फेमस हैं यहां बहुत सारे लोकप्रिय  स्थल है ।

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