Anjaneya University

Anjaneya University: शोध अनुदान के लिए प्रस्ताव कैसे लिखें, आंजनेय यूनिवर्सिटी में हुए एक दिवसीय व्याख्यान पर डॉ. स्वर्नाली दास पॉल ने बताया अपना अनुभव

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Anjaneya University: रायपुर. आंजनेय यूनिवर्सिटी में शोध को बढ़ावा देने के लिए शोध अनुदान हेतु प्रस्ताव कैसे लिखें विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया. विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. स्वर्नाली दास पॉल मौजूद रहीं. उन्होंने कहा कि शोध पत्र और शोध अनुदान के लिए लिखना दो अलग – अलग कार्य हैं. शोध अनुदान के लिए प्रस्ताव भेजने से पहले हमें ऐसे विषय का चयन करना चाहिए जिसमे हमारी विशेषज्ञता हो या पूर्व में कोई प्रकाशन हो, नए क्षेत्र में पहल न करें.

Anjaneya University: डॉ. पॉल प्रस्तावना लेखन के सम्बन्ध में बताते हुए कहा कि शीर्षक संक्षिप्त या विस्तार में न हो एवं प्रस्तावना के साथ उदेश्य को भी जोड़कर लिखना चाहिए. उदेश्यों को पैराग्राफ में नहीं लिखकर बिन्दुवार लिखना चाहिए. वहीँ शोध से जुड़े समस्याओं को भी रेखांकित करना चाहिए.

 

 

 

Anjaneya University: उन्होंने आगे कहा कि जिस संस्थान में आप शोध प्रस्ताव अनुदान के लिए भेज रहे हैं उन्हें अपने शोध योजना (रिसर्च प्लान) की कार्य शैली से अवगत कराना चाहिए और कार्यों का विभाजन करना चाहिए. हम अक्सर सुनते हैं कि बहुत से शोधकर्ताओं ने अनुदान के लिए प्रस्ताव तो भेजते हैं लेकिन स्वीकार नहीं होने के कारण, हम शोध की पहल बंद कर देते है. प्रस्ताव स्वीकार न होने के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साहित्य पुनरावलोकन एवं शोध प्रविधि की सही जानकारी न होने के कारण प्रस्ताव अस्वीकृत हो जाते हैं.

 

 

 

 

Anjaneya University: व्याख्यन के दौरान यूनिवर्सिटी के अकादमी डायरेक्टर डॉ. बीसी जैन ने ऐसे आयोजन को प्राध्यापकों के लिए उपयोगी बताया. यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. टी रामाराव ने कहा कि अब प्राध्यापकों को अध्यापन के अलावा शोध के क्ष्रेत्र में महती भूमिका अदा करनी होगी, जिससे वे समाज को कुछ दे पाएं. कुलपति ने विषय विशेषज्ञ डॉ. स्वर्नाली दास पॉल को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया. व्याख्यान में सभी संकाय के प्राध्यापकगण मौजूद रहे.