Bhandari murder case: Ankita's life was taken for refusing 'extra service', now all three killers of Ankita will remain in jail for life

bhandari murder case : ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ से इनकार पर ली थी जान, अब उम्रभर जेल में रहेंगे अंकिता के तीनों कातिल

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bhandari murder case : ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ से इनकार पर ली थी जान, अब उम्रभर जेल में रहेंगे अंकिता के तीनों कातिल

bhandari murder case : उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जज रीना नेगी ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया। घटना के दो साल, आठ महीने और बारह दिन बाद यह फैसला सामने आया है।

bhandari murder case : फैसले के तहत पुलकित आर्य पर 72 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर भी समान राशि का अर्थदंड लगाया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि पीड़िता के परिजनों को चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए।

bhandari murder case : यह मामला 18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट का है, जहां 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर वीआईपी ग्राहकों को ‘अतिरिक्त सेवाएं’ देने का दबाव डाला था, जिसका विरोध करने पर उसने अपने कर्मचारियों सौरभ और अंकित के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया। शव 24 सितंबर को बरामद हुआ था।

bhandari murder case : मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की थी, जिसने करीब 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। 97 गवाहों में से 47 ने कोर्ट में गवाही दी। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराएं 302, 201, 354ए और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

bhandari murder case : इस घटना के बाद पूरे उत्तराखंड में आक्रोश फैल गया था। खासतौर पर इसलिए भी क्योंकि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है। घटना के बाद पार्टी ने विनोद आर्य को बाहर निकाल दिया था और रिजॉर्ट को प्रशासन ने बुलडोजर से गिरा दिया था। देहरादून, ऋषिकेश, कोटद्वार और पौड़ी समेत कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

bhandari murder case : पीड़ित पक्ष ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने पुलिस जांच की समीक्षा के बाद सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया था।