How will Lord Hanuman protect Neel and achieve his next siddhi? The biggest test yet is about to happen in Sony SAB’s ‘Veer Hanuman’

भगवान हनुमान कैसे करेंगे नील की रक्षा और प्राप्त करेंगे अपनी अगली सिद्धि? सोनी सब के ‘वीर हनुमान’ में होने वाली है अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा

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भगवान हनुमान कैसे करेंगे नील की रक्षा और प्राप्त करेंगे अपनी अगली सिद्धि? सोनी सब के ‘वीर हनुमान’ में होने वाली है अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा

मुंबई, 19 मई, 2025: सोनी सब का ‘वीर हनुमान’ दर्शकों को लगातार मंत्रमुग्ध कर रहा है, जिसमें युवा मारुति के अद्भुत परिवर्तन- एक जिज्ञासु बालक से महान दिव्य योद्धा भगवान हनुमान बनने की कहानी को भावनात्मक और रोमांचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। पौराणिकता और भावना का बेहतरीन संगम पेश करता यह शो, एक कालजयी कथा को जीवंत रंगों में दर्शाता है। शो में आन तिवारी युवा मारुति की भूमिका में, आरव चौधरी केसरी के रूप में, सायली सालुंखे अंजनी की भूमिका में और माहिर पांधी बाली और सुग्रीव दोनों की भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। ‘वीर हनुमान’ हर आयु वर्ग के दर्शकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहा है। हाल ही के एपिसोड्स में दर्शकों ने देखा कि हनुमान पाँच आध्यात्मिक और रूपांतरणकारी चरणों से गुजरते हुए एक गहरी साधना यात्रा पर निकल पड़े हैं। इसी दौरान शनि देव (ऋषभ पवार) की छाया किष्किंधा पर मंडराने लगती है, जिससे अप्रत्याशित चुनौतियों का संकेत मिलता है।

आगामी एपिसोड्स में देखने को मिलेगा कि किस तरह किष्किंधा की प्रजा बाली का भगवान हनुमान को बचाने के लिए सम्मान करती है और एक नायक के रूप में उनकी सराहना करती है। हनुमान से कहा जाता है कि वे बाली को अपना गुरु मानें, क्योंकि शनि देव की छाया किष्किंधा पर पड़ रही है और वे हनुमान को भ्रमित करना चाहते हैं। बाद में, सुग्रीव को नया राजा घोषित किया जाता है, जिससे बाली क्रोधित हो जाता है। किष्किंधा के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और इन सब घटनाओं के चलते भगवान हनुमान अपने आराध्य का नाम तक भूलने लगते हैं। इस अफरा-तफरी में अग्निदेव का पुत्र नील भी संकट में फंस जाता है, जिसे बचाने के लिए भगवान हनुमान एक नए लक्ष्य को हासिल करने की तरफ निकल पड़ते हैं।

क्या भगवान हनुमान नील की रक्षा कर पाएँगे और प्राप्त कर पाएँगे अपनी अगली सिद्धि?

‘वीर हनुमान’ में शनि देव की भूमिका निभा रहे ऋषभ पवार ने कहा, “शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है और उनका कार्य लोगों की परीक्षा लेकर उन्हें सही मार्ग दिखाना होता है। इस ट्रैक में स्वयं बाल हनुमान को भी भगवान महादेव के आदेशानुसार कड़े अनुशासन, कठिनाइयों और न्याय के मार्ग से गुजरना पड़ता है, ताकि वे अपनी सिद्धियों को प्राप्त कर सकें। यह एक संदेश है कि जीवन में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता। यही भगवान हनुमान की यात्रा का सार है, और यही सबक वे दूसरों को भी सिखाते हैं।”