Jhiram Ghati Naxal Attack: दंतेवाड़ा। झीरम हमले के 10 साल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने जगदलपुर पहुंचकर दिवंगत कांग्रेस नेताओं और जवानों को अपनी श्रद्धांजलि दी। लेकिन, इन सबके बीच हमले में मारे गये महेंद्र कर्मा के बेटे छवींद्र कर्मा ने ये कहकर सनसनी फैला दी, कि कवासी लखमा का भी नार्को टेस्ट होना चाहिये। छबींद्र कर्मा ने अपने नेताओं पर भी संदेह जताया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में कवासी लखमा और अमित जोगी का नार्कों टेस्ट होना चाहिए कि आखिरकार कवासी लखमा कैसे बच गए। छबींद्र कर्मा की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ कवासी लखमा नहीं रमन सिंह और मुकेश गुप्ता का भी नारकोटेस्ट होना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। वहीं रमन सिंह ने कहा है कि छबींद्र कर्मा के परिवार के मन में जो शंका है जो पीड़ा है। उनको दूर करना जरूरी है।
Jhiram Ghati Naxal Attack: रमन और मुकेश गुप्ता का भी हो नार्को टेस्ट – मुख्यमंत्री
Jhiram Ghati Naxal Attack: इधर इस मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ कवासी लखमा नहीं रमन सिंह और मुकेश गुप्ता का भी नारकोटेस्ट होना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि झीरम के शहीदों को न्याय दिलाने हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। न्यायिक जांच आयोग की जांच पूरी नहीं हुई थी, इसके बाद भी सबमिट कर दिया गया।
कुछ अन्य बिंदुओं को जोड़कर फिर से जांच आगे बढ़ाने कहा गया। मेरे पास जानकारी है, ऐसा मैंने कहा था, लेकिन जानकारी दू किसको एनआईए तो ठीक से बयान भी नहीं ले पाई। एनआईए ने जो फाइनल रिपोर्ट जमा की, उसमें बड़े नक्सली नेता गणपति और रमन्ना का नाम गायब कर दिया गया। केंद्र की सरकार दोनों को बचाना क्यों चाह रही है उन दोनों के नाम हटाया क्यों गया।
Jhiram Ghati Naxal Attack: आपको बता दें कि 25 मई 2013 को सुकमा जिले में परिवर्तन यात्रा सभा कर वापस बस्तर लौट रहे कांग्रेसियों के काफिले पर, दरभा झीरम घाटी में घात लगाए 200 से ज्यादा नक्सलियों ने हमला बोल दिया था। इस हमले में काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, कांग्रेसी नेता उदय मुदलियार और जवानों के साथ ही आम आदमी सहित कुल 32 लोग मारे गए थे। इस घटना में कांग्रेस की एक पीढ़ी पूरी तरह से समाप्त हो गई थी।
Jhiram Ghati Naxal Attack: झीरम पर क्या बोले मुख्यमंत्री
Jhiram Ghati Naxal Attack:नंदकुमार पटेल कहते थे हमें आदिवासियों के जीवन में परिवर्तन लाना है। लेकिन परिवर्तन का संकल्प लेने वाले हमारे नेता आज हमारे बीच नहीं है। सीएम ने आगे कहा कि इस घटना से किसको फायदा मिला। नक्सली घटना करते हैं और उस स्थान को छोड़ देते हैं। लेकिन ऐसा पहली हुआ जब ब्लास्ट किये फिर गाड़ी रोककर गोलियों की बौछार हुई। हमारे साथी कहीं न कहीं छिप गए थे। नक्सली एक-एक व्यक्ति से पूछ रहे थे कि महेंद्र कर्मा कौन हैं। एक चट्टान के पीछे कवासी काखमा छिपे हुए थे। जिन्हें पकड़ कर ले गए फिर बाद में छोड़ दिए।
Jhiram Ghati Naxal Attack:दिनेश पटेल की भी हत्या कर दी गई। महेंद्र कर्मा जिसे हम बस्तर टाइगर कहते थे। एक-एक कर सब उन्हें मार रहे थे तो उन्होंने कहा कि गोलियां चलाना बंद करो, बेकसुरों को मारना बंद करो। मैं हूं महेंद्र कर्मा। 85 बार उनके शरीर को गोदा गया। लेकिन, महेंद्र कर्मा ने माफी नहीं मांगी उन्होंने अपना बलिदान दे दिया।
Jhiram Ghati Naxal Attack:अपने लिए नहीं बल्कि, बस्तर, और देश के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।प्रधानमंत्री आए, उन्होंने NIA जांच की घोषणा की। हम लोग आक्रोशित थे। सब को ढांढस बंधाया। किसी तरह की हिंसा का सहारा हमें नहीं लेना है। मनमोहन सिंह ने राज्य सरकार को बर्खास्त नहीं किया। बल्कि NIA जांच की घोषणा की । PM ने एक जांच कमेटी बनाई। NIA ने प्राथमिकी दर्ज की, उसमें इसकी गणपति और रमन्ना का भी नाम था। जैसे ही महेन्द्र कर्मा, नन्दकुमार पटेल हाथ लगे उन्होंने अपना ऑपरेशन बंद कर किया।