Lormi politics

Lormi politics: कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद कलह, टिकट नहीं मिलने पर मंच पर रो पड़े सागर सिंग बैस… कहा 10 दिन दिल्ली में बैग धर के घूमे

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Lormi politics: मुंगेली/लोरमी। कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद कलह बढ़ता ही जा रहा है। आलय ये है कि नेता खुलकर बगावत कर अपने ही नेताओं को भरे मंच से ना केवल कोस रहे है, बल्कि अपनी तकलीफ बताते-बताते उनकी आंखे भी छलक जा रही है। कुछ ऐसा ही नजारा मुंगेली जिला में नजर आया। यहां लोरमी विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष का दर्द छलका है। मंच से अपनी तकलीफ बताते के दौरान जिलाध्यक्ष रो पड़े। जिसके बाद अब स्थानीय समर्थक जिलाध्यक्ष को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारने के मूंड में है।

Lormi politics: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक पार्टियों में टिकट कटने को लेकर घमासान मचा हुआ है। पिछले दिनों वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री गणेशराम भगत का रोने का विडियों आप सभी ने देखा ही होगा। इसके बाद टिकट कटने की तकलीफ बयां करते-करते दंतेवाड़ा से टिकट के दावेदार विधायक अनूप नाग के साथ ही चंद्रेदेव राॅय की आंखे डबडबा गयी थी। कांग्रेस में टिकट कटने से जहां सिटिंग विधायक बागी तेवर दिखा रहे है, वही टिकट की दावेदारी करने वाले पार्टी नेताओं का दर्द और नाराजगी भी अब खुलकर सामने आ रहा है। ताजा मामला मुंगेली जिला के लोरमी विधानसभा सीट से है।

Lormi politics: इस सीट से टिकट के लिए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सागर सिंग बैस दावेदारी कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने लोरमी सीट से जाति समीकरण को देखते हुए थानेश्वर साहू को अपना प्रत्याशी बना दिया है। वहीं बीजेपी ने इस सीट से प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को अपना कैंडिडेट बनाया है। कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के बाद अब मुंगेली में टिकट नही मिलने से नाराज नेता और कार्यकर्ताओं का गुस्सा सामने आने लगा है। एक दिन पहले ही जिलाध्यक्ष सागर सिंग बैस ने लोरमी में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

 

Lormi politics: मंच से अपनी तकलीफ बताते हुए सागर सिंग ने बताया कि लोरमी विधानसभा में हमेशा बाहर के लोगों को चुना गया। हमेशा बाहर के लोग यहां आये और अंग्रेज की तरह राज करने के बाद लोरमी को छोड़ दिये। सागर सिंग ने कहा कि टिकट के लिए उन्होने बैग में बायोडाटा लेकर राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली में 10 दिनों तक नेताओं के दरवाजा-दरवाजा घुमे, लेकिन किसी ने उनकी नही सुनी। मंच से अपनी तकलीफ और संघर्ष को बताते-बताते सागर सिंग फफक कर रो पड़े। जिसके बाद उनके समर्थकों ने मौके पर ही नारेबाजी करते हुए उनका समर्थन किया गया।

Lormi politics: बताया जा रहा है कि शनिवार को लोरमी में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में टिकट नही मिलने से नाराज कुछ पदाधिकारी कांग्रेस से इस्तीफा देने की तैयारी में है। वहीं समर्थकों ने सागर सिंग को लोरमी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ाने की रणनीति बना रहे है। बताया जा रहा है कि यदि सागर सिंग बैस चुनावी मैदान में ताल ठोकते है, तो निश्चित ही इसका नुकसान कांग्रेस के प्रत्याशी को होगा।

 

Lormi politics: ऐसे में कांग्रेस पार्टी इस सीट पर जीत के लिए नाराज कार्यकर्ताओं को साधने के साथ ही डैमेज कंट्रोल करने का जरूर प्रयास करेगी। अब देखने वाली बात होगी कि लोरमी सीट में कांग्रेस नेता बागी रूख अख्तियार कर अपने ही पार्टी को नुकसान पहुंचाते है, या फिर पार्टी अपने नेता और कार्यकर्ताओं का समय रहते साध लेती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।