Minister Kawasi Lakhma: सुकमा 26 मई 2023। छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा अपने जुदा अंदाज के लिए जाने जाते हैं। आदिवासी लोक परंपरा में वो इतने रम जाते हैं कि आमलोगों के साथ वो त्योहार को खूब इंज्वाय करते हैं। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मंत्री कवासी लखमा सुकमा जिले के अपने गृह ग्राम नागारास पहुंचे थे।
Minister Kawasi Lakhma: अपने गांव में जब मंत्री कवासी लखमा देवी की पूजा करने पहुंचे तो ढोल-नगाड़ों के धुन पर देवी भक्ति में झूमने लगे। कभी मोर पंख लिये तो कभी तलवार पकड़ कर झूमते नजर आए। मंत्री लखमा का यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इससे पहले भी अपने गांव के एक मेले में भी खुद को कोड़े से मारते हुए नजर आ चुके हैं। वह वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।
Minister Kawasi Lakhma: कवासी लखमा के नार्को टेस्ट की मांग
Minister Kawasi Lakhma: झीरम हमले के 10 साल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने जगदलपुर पहुंचकर दिवंगत कांग्रेस नेताओं और जवानों को अपनी श्रद्धांजलि दी। लेकिन, इन सबके बीच हमले में मारे गये महेंद्र कर्मा के बेटे छवींद्र कर्मा ने ये कहकर सनसनी फैला दी, कि कवासी लखमा का भी नार्को टेस्ट होना चाहिये। छबींद्र कर्मा ने अपने नेताओं पर भी संदेह जताया है।
Minister Kawasi Lakhma: उन्होंने कहा कि इस मामले में कवासी लखमा और अमित जोगी का नार्कों टेस्ट होना चाहिए कि आखिरकार कवासी लखमा कैसे बच गए। छबींद्र कर्मा की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ कवासी लखमा नहीं रमन सिंह और मुकेश गुप्ता का भी नारकोटेस्ट होना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। वहीं रमन सिंह ने कहा है कि छबींद्र कर्मा के परिवार के मन में जो शंका है जो पीड़ा है। उनको दूर करना जरूरी है।
Minister Kawasi Lakhma: इधर इस मामसे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ कवासी लखमा नहीं रमन सिंह और मुकेश गुप्ता का भी नारकोटेस्ट होना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि झीरम के शहीदों को न्याय दिलाने हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। न्यायिक जांच आयोग की जांच पूरी नहीं हुई थी, इसके बाद भी सबमिट कर दिया गया।
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Minister Kawasi Lakhma: अन्य बिंदुओं को जोड़कर फिर से जांच आगे बढ़ाने कहा गया
Minister Kawasi Lakhma: कुछ अन्य बिंदुओं को जोड़कर फिर से जांच आगे बढ़ाने कहा गया। मेरे पास जानकारी है, ऐसा मैंने कहा था, लेकिन जानकारी दू किसको एनआईए तो ठीक से बयान भी नहीं ले पाई। एनआईए ने जो फाइनल रिपोर्ट जमा की, उसमें बड़े नक्सली नेता गणपति और रमन्ना का नाम गायब कर दिया गया। केंद्र की सरकार दोनों को बचाना क्यों चाह रही है उन दोनों के नाम हटाया क्यों गया।