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electricity department: कटघोरा: बिजली विभाग की लचर व्यवस्था, गर्मी में उपभोक्ताओं के लिए जंजाल, कोई ठिकाना नही कब बिजली गुल हो जाये…

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electricity department: कोरबा/कटघोरा:-इसमें कोई दो रॉय नही की कटघोरा का बिजली विभाग बिल वसूलने में जितने पैतरे अपनाता है उतना ही बिजली आपूर्ति में फिसड्डी साबित हुआ है।दशकों बीत गए लेकिन बिजली विभाग आज भी अपनी दशा पर आंसू बहा रहा है,हालांकि इस विभाग ने बिजली चोरी रोकने के पुख्ता इंतज़ामात कर केबल जरूर बिछा दिए हैं लेकिन उनमें 24 घण्टे बिजली दौड़ेगी इसकी कोई गारंटी नही है।

 

electricity department: यू तो जिला कोरबा को उर्जाधानी के नाम से जाना जाता है लेकिन यहाँ दिया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ है।जी हाँ, कहने को तो कोरबा में कई बिजली घर है जहां से विभिन्न राज्यो को बिजली सप्लाई होती है लेकिन स्वयं कोरबा की दशा अंधकारमय नजर आती है।दरअसल कोरबा व आसपास के इलाको में कब बिजली बंद हो जाये इसका कोई ठिकाना नही होता है।ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बद से बत्तर है जहां बिजली गुल होने के बाद आ जाये तो पूरे गाँव मे दीवाली जैसा माहौल होता है।

electricity department: आज के दौर में बिजली के बिना कुछ भी संभव नहीं है, यह कहना भी गलत नही होगा कि आज मानव जीवन पूरी तरह बिजली पर ही निर्भर हो चुका है,अगर बिजली कुछ घण्टे बंद हो जाये तो मानव जीवन अधर में लटक जाता है मानो बिना बिजली के मनुष्य का जीवन संभव ही ना हो।आज के दौर में मानव जीवन के सभी कार्य मशीनों पर ही निर्भर है जिनका बिजली के बिना कोई औचित्य नही है।

 

electricity department: मानव जीवन के लिए जितना भोजन जरूरी है उतना ही बिजली का होना भी जरूरी है कहने का तात्पर्य यह है कि आज खेती किसानी भी बिजली उपकरणों से ही संभव हो रही है जहां बिना बिजली के खेती भी संभव नही है तो अनाज कहा से होगा।कुल मिलाकर आज के दौर में बिजली का होना अनिवार्य है लेकिन कटघोरा का बिजली विभाग ना जाने किस दौर से गुजर रहा है जो अपनी दशा सुधार पाने में आज भी नाकाम है।

electricity department: बिजली की समस्या से निजात दिला पायेगा

electricity department: कटघोरा के बिजली विभाग की बात करे तो यह विभाग प्यास लगने पर कुआ खोदने की तर्ज पर कार्यरत हैं कहने का मतलब यह है कि इन दिनों (गर्मी) में बिजली की खपत बढ़ जाती है और अधिक लोड होने के कारण विद्युत उपकरण खराब होने की संभावना बढ़ जाती है लेकिन इस विभाग के पास कथित तौर पर न तो केबल उपलब्ध रहता है और न ही ट्रांसफर, अगर विद्युत उपकरण (ट्रांसफर) खराब हो जाये तो उपभोक्ताओं को दिन में तारे नजर आ जाते हैं याने उस खराबी के ठीक होने के कोई आसार नही होते कि वह कब तक ठीक होगा।

 

बिजली विभाग की एक और मजेदार बात यह है कि अगर हवा का जरा सा झोंका भी आ जाये तो सबसे पहले इस विभाग के कर्मचारियों को ही पता चलता है और बिना देर किए लाइट बंद कर दी जाती है।एक बात समझ से परे है आखिर बिजली विभाग कब तक लोगो को बिजली की समस्या से निजात दिला पायेगा।

 

electricity department: विजली विभाग की व्यवस्था इतनी लचर

 

 

electricity department: विजली विभाग की व्यवस्था इतनी लचर है कि बिजली कब गुल हो जाये इसका कोई ठिकाना नही होता है, जबकि विभाग की ओर से बिजली बंद की कोई सूचना भी नही होती है।गर्मी के दिनों में तो हालात और बत्तर हो जाते हैं जहां दिन में कई बार बिजली की आंख मिचौली से लोग हलकान हो जाते हैं एक तो भीषण गर्मी का प्रहार ऊपर से बिजली का गुल होना लोगो की जान पर बन आती है।बिजली के बार बार बंद होने से लोगो को पीने का पानी भी पर्याप्त रूप से नही मिल पाता जिस कारण लोगो को भीषण गर्मी में अन्यत्र स्थानों व टैंकरों से पानी लेने के लिए कड़ी मेनहत करनी पड़ती है।

 

electricity department: बिजली विभाग कब अपनी दशा सुधार पायेगा

 

electricity department: वही ग्रामीण इलाकों में तो हालात और बुरे हैं यहाँ तो बिजली का कोई माई बाप नही होता है एक बार बिजली गुल हो जाए,तो बहाल होने में हफ़्तों लग जाते हैं,ऐसे हालात में ग्रामीण किस दशा में अपना जीवन यापन कर रहे होंगे उसे सहर्ष ही समझा जा सकता है।कटघोरा का बिजली विभाग कब अपनी दशा सुधार पायेगा यह कह पाना तो संभव नहीं है, लेकिन कटघोरा में बिजली की क्या दशा यह किसी से छुपी नही है।हालात यही बने रहे तो वह दिन दूर नही जब कटघोरा वासियों को बिजली विभाग पर धावा बोलने में देर नही लगेगी।सरकार को भी इस और ध्यानाकर्षण करना चाहिए ताकि कटघोरा वासियों को बिजली की उत्तम व्यवस्था मिल सके।