Valentine’s Day special: फरसगांव :- बस्तर की धरती में कई ऐसी कहानियां दबी है जिसमें अधूरी प्रेम कहानी भी है. झिटकू-मिटकी की अमर प्रेम कथा है तो साथ में सोमी-धामी और रूनकी-झुनकी की अधूरी प्रेम गाथा भी है. भले ही इनका प्रेम परवान नहीं चढ़ पाया, जिनका खुद का प्यार अधूरा रह गया लेकिन आज वही देवता बनकर लोगों की प्रेम कहानी के साथ ही अन्य मन्नतों को पूरा कर रहे है।
Valentine’s Day special: कोण्डागांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 12 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सोनाबाल है जहां सेठिया परिवार की संख्या ज्यादा है। उनके साथ ही अब गांव वाले भी हर तीज-त्यौहार से पहले सोमी धामी को देवता के रूप में पूजने लगे है। गाँव के बाहर ही एक पेड़ के निचे चबूतरे में अवसर विशेष पर सोमी धामी की पूजा ग्रामीणों के द्वारा की जाती है । खास बात यह ह की इनकी पूजा स्थल के पास महिलाओ का आना वर्जित है।
Valentine’s Day special: –नजरें लड़ी और हुआ प्यार–
Valentine’s Day special: कोण्डागांव से लगे ग्राम सम्बलपुर से दो लड़के रोजगार की तलाश में सोनाबाल पहुचे थे सेठिया परिवार के अशोक सेठिया ने बताया कि, पूर्वजो के अनुसार उनके पूर्वजों के यहॉ सोमी और धामी नाम के दो युवक काम की तलाश में पहुचे और उनके यंहा काम करने लगे। काम के दौरान रूनकी और झूमकी नाम की दो युवतियां के साथ सोमी और धामी की नज़रे लड़ी और उनके बीच प्यार का परवान चढ़ा। इसी बीच जब घर वालो के साथ गांव वालों को इस प्यार की खबर लगी तो इसका विरोध होने लगा। जिससे डरकर सोमी और धामी एक कमरे (कोठी) में जाकर छूप गए जहॉ अलसी भरा हुआ था। अलसी की कोठी में छिपे सोमी और धामी की वहीं मौत हो गई थी।
Valentine’s Day special: –याद में हो गई सती–
Valentine’s Day special: महीनो से लापता सोमी-धामी दोनों भाई की खोज जारी थी चूंकि अलसी की कोठी के तरफ लोगों का आना जाना नहीं होता था। इसलिए वहां पर छिपे दोनों भाइयों का पता नहीं चल पाया। सेठिया परिवार के बुजुर्ग लगातार गायब हुए सोमी-धामी की तलाश करते रहे, महीनो बाद पता चला की अलसी की कोठी में छिपे सोमी धामी की मौत हो गई। जब इसकी जानकरी रूनकी व झूमकी को लगी तो अपने प्यार की याद में कुछ समय कुछ समय बाद सती हो गई।
Valentine’s Day special: –परिजन होने लगे परेशान–
Valentine’s Day special: सोमी और धामी दोनों भाइयों की मौत के बाद सेठिया परिवार परेशानियों से घिर गया। सोनबाल निवासी श्रवण सेठिया ने बतया की परेशानी को दूर करने के लिए सेठिया परिवार के पूर्वजों ने बस्तर रियासत से नरसिंह नाथ सहित अन्य देवी-देवताओं को इस मसले को निपटाने के लिए सोनाबल गांव में आमंत्रित किया था। इन्ही देवताओं ने बताया कि, सोमी और धामी को अब देवता के रूप में पूजना होगा। इसके बाद से उनके परिवार और गांव वालों दशकों से सोमी और धामी की पूजा अर्चना करते आ रहे है।
Valentine’s Day special: –मन्नत होती है पूरी–
Valentine’s Day special: भले ही सोमी और धामी की प्यार अधूरी रह गई है पर आज भी उनके दर पे जो भी फ़रियाद लेकर आता है वह जरुर पूरी होती है खासकर अपने प्यार को पाने लिए लोग मन्नत मांगते है और लोगों की मन्नत पूरी होती है। हां इतना जरुर है की इनके मंदिर में महिलाओं का प्रवेश निषेध है और इनका प्रसाद आदि भी महिलाए सेवन नहीं करती है। सोनाबल के श्रवण सेठिया ने बताया कि, पिछले छः सालों में चार सौ से ज्यादा युवक-युवतियों का विवाह यही से अर्जी लगाने के बाद पूरा हुआ है।