chhattisgarh liquor scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस संजय किशन कौल की डबल बेंच ने सुनवाई के बाद जांच पर रोक लगाई है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले को दावा किया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा किए जा रहे छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच पर रोक लगा दी है।
chhattisgarh liquor scam: मंत्री शिव डहरिया ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के जांच पर रोक लगाए जाने पर कहा कि यह इस बात प्रमाण है कि जो जांच की जा रही थी, वह पक्षपातपूर्ण थी। इस बात को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया, क्योंकि उनके द्वारा ही यह प्रायोजित था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया कि भाजपा का आरोप गलत था, और हमारी सरकार अच्छा काम कर रही है। हमको न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
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कार्रवाई जो हुई वह पक्षपातपूर्ण थी: शिव डहरिया
शिव डहरिया ने कहा कि ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाना इस बात का प्रमाण है कि कार्रवाई जो हुई वह पक्षपातपूर्ण थी. इस तरह का कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। जो घोटाले हुए हैं रमन सिंह के कार्यकाल में हुए हैं. हम तो कहते रहे हैं कि ईडी रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान घोटाले हुए हैं उनकी जांच करे। उनके यहां भी एकात छापा मारे, लेकिन उन्होंने कभी इस तरह का काम किया ही नहीं।
chhattisgarh liquor scam: बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले में 5 आरोपियों के खिलाफ रायपुर में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में करीब 16 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश किया था। इस मामले में ईडी ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, पप्पू ढिल्लन, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को आरोपी बनाया है।
chhattisgarh liquor scam: -साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ : ईडी
chhattisgarh liquor scam: ईडी का दावा है कि साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ है। जिसमें 2 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. एजेंसी ने बताया कि अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में एक सिंडिकेट चला रहा है, जिसे बड़े नेताओं के साथ-साथ सीनियर अफसरों का भी समर्थन हासिल है। इसमें एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया है कि छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी।