Remal Cyclone:

Remal Cyclone: आज बंगाल और ओडिशा तट से टकराएगा Remal Cyclone, 3 सौ से अधिक फ्लाइट रद्द छत्तीसगढ़ पर भी दिखेगा असर

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नई दिल्ली/रायपुर। IMD Cyclone Alert Remal Cyclone: मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव रविवार शाम तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और 26 मई की रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के समुद्र तटों पर दस्तक दे सकता है। कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान रेमल के संभावित प्रभाव को देखते हुए रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ानों का परिचालन निलंबित करने का फैसला किया है। इस दौरान 3 सौ से अधिक फ्लाइट को रद्द कर दिया गया है।

 

IMD Cyclone Alert Remal Cyclone: बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दस्तक दे सकता है। यह 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकता है। मौसम विभाग ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

 

Remal Cyclone: इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

 

मौसम विभाग के अनुसार, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल में 25-29 मई के बीच भारी बारिश होने वाली है। केरल, माहे, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तटीय कर्नाटक में भी तेज बारिश होगी। छत्तीसगढ़ में 25 और 26 मई, झारखंड में 25-28 मई, बिहार में 26-28 मई, उत्तराखंड में 25-29 मई, विदर्भ में 25 मई, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में भी बारिश होगी।

 

Remal Cyclone: इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 27-28 मई को अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। तूफान के दस्तक देने के समय समुद्र में 1.5 मीटर ऊंची लहरें उठने की आशंका है जिससे तटीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के निचले इलाके डूब सकते हैं। मौसम विभाग ने 26 और 27 मई को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों (दक्षिण और उत्तर 24 परगना) के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

 

Remal Cyclone: छत्तीसगढ़ में अभी बना रहेगा उतार चढ़ाव

मौसम विभाग के अनुसार , उत्तर पश्चिम भारत, मध्य प्रदेश जैसे इलाकों में हीटवेव चल रही है। वहीं, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, विदर्भ, छत्तीसगढ़ में भी अगले चार से पांच दिनों के दौरान हीटवेव चलने का अनुमान है। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के शेष भागों में आगे बढ़ गया है। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्से, और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ने की संभावना है।