Ration scam

Ration scam: राशन घोटाला, मृत व्यक्तियों का 2 साल तक राशन खाने वाले ग्राम पंचायत बरौर के सरपंच पर कोई कार्यवाही नहीं, एसडीएम की जांच में हो चुका है फर्जीवाड़े का मामला प्रमाणित

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जीपीएम: जनपद पंचायत मरवाही जिला जीपीएम के ग्राम पंचायत बरौर के सरपंच जवाहर लाल कोर्राम के कई काले कारनामों की आज बात करें जिनमें से ये कुछ हैं,किंतु सब प्रकरण एक से बढकर एक हैं..सैकड़ों में कुछ के ही उल्लेख किये जा सकते हैं..(1)सरपंच द्वारा मृत 9लोगों के राशन का उठाव हितग्राहियों की मृत्यु पश्चात भी दो साल तक किया जाता रहा और गबन किया गया.

इस मामले की दो दो बार सूक्ष्म जांच खाद्य निरीक्षक एवं दो दो माननीय एसडीएम द्वारा की गई है जिसमे शासन एवं मृत परिवारों के साथ सरपंच बरौर के द्वारा उक्त तरह से धोखाधड़ी किया जाना प्रमाणित पाया गया है,इस जांच की प्रति के सहित आवेदन पुलिस,खाद्य,राजस्व,पंचायत विभाग को दिया गया है किंतु अज्ञात कारणों से f.i.r.,गिरफ्तारी, बर्खास्तगी,वसूली की कार्यवाही अब तक नही हो सकी है.

 

 

Ration scam
Ration scam

नहीं हुई कार्रवाई

जबकि यह प्रकरण प्रथम दृष्ट्या ही 420,120B का है..(2)सरपंच बरौर ने वर्ष 2020 मे कार्यभार संम्हालते ही12 हितग्राहियों के ब्यक्तिगत शौचालयों की राशि फर्जी ढंग से आहरित कर हड़प लिया इसमें भी मृत ब्यक्ति के नाम को गलत प्रमाणित करके राशि हड़पी गई है,मय शपथपत्र पीड़ितों ने इसकी शिकायत की तो प्रारंभिक जांच में ही जांचकर्ता को ऐसे तथ्य मिले जिससे जांचकर्ता ने माथा पकड़ लिया,जांच में प्राप्त तथ्यों की गंभीरता से जांचकर्ता ने “बोस”को अवगत कराया,इस प्रकरण में सरपंच को बुरी तरह फसता देखकर ‘बोस” ने जांच को ही विराम दिला दिया और नियुक्त जांच अधिकारी को जांच करने से रोका,पीड़ित शिकायत कर्ता ने जब rti मे की गई कार्यवाही की जानकारी मांगी तो पीड़ित-आवेदक को गुमराह करते हुए तात्कालिक बला टालने को पंचायत निरीक्षक ज.पं.मरवाही श्री राजेश बरवा जी की अगुवाई में तीन लोगों की जांच समिति बना कर जांच करने की 2022 में ही जानकारी दे डाली।

 

 

आरटीआई में खुला राज

अब जब 2023 मध्य तक(दो वर्ष में भी)जांच नही हुई तब यकीन हुआ कि rti में दी गई जानकारी और आश्वासन फर्जी थे हालांकि पीड़ितों की आस न्याय से समाप्त नही हुई है नियम कानून के प्रति पीड़ितों का अब भी विश्वास है।(3)सरपंच बरौर द्वारा वर्ष 2020/21वर्ष2021/22 वर्ष2022/23 तीन वर्ष तक आम बाजार बरौर का ठेका अपने चहेते ठेकेदार को आधे पौने मे देकर तीनों वर्ष के ठेका नीलामी राशि को पूर्णतः हड़प कर लिया गया है,नीलामी की राशि को सरपंच ने ना तो पंचायत के खाते में जमा किया ना ही कोई हिसाब किताब सार्वजनिक किया।

 

सरपंच के उक्त भर्राशाही,हड़पनीति से आजिज आकर पंचों ने वर्ष 2022/23 का ठेका नियमानुसार कराना चाहा, बोली लगाई गई किंतु उच्चतम बोली वाले के साथ सरपंच की सेटिंग नही बन पाने के कारण बोली होने के बाद ठेका बगैर अवसर दिये बहानेबाजी करते हुए तत्क्षण ही ठेका निरस्त कर सरपंच ने अपने चहेते ठेकेदार को बिल्कुल आधी राशि में 1,25,000/रुपये बोली का बाजार 60,000/रुपये में ठेका दे दिया,इस तरह 65,000/रुपये कम मे बाजार ठेका अपने चहेते ठेकेदार को देने के एवज मे सरपंच ने चहेते से 35,000/रुपये लिए फिर भी ठेकेदार को 30,000/रुपये का अतिरिक्त लाभ प्राप्त हुआ.

 

जबकि सरपंच को पूरा 95,000/रुपये का लाभ हुआ क्योंकि नीलामी की राशि पंचायत खाते मे जमा ही नही किया गया,,इस तरहसीधे सादे भोले भाले अनपढ-अल्पशिक्षित पंचों को बरगलाते-समझाते हुए शातिर सरपंच ने पूरे तीन साल की नीलामी की राशि का उपयोग अपने हित मे किया,,जबकि पंचों एवं ग्रामवासियों की मंशा थी कि बाजार ठेके की राशि से आबादी के बीच स्थित ठाकुर बाबा/देवस्थान बरौर का जीर्णोद्धार कार्य होवे..चौथे वर्ष 2023/24 में भी सरपंच ने अपने चहेते ठेकेदार को ठेका देने के दृढ निश्चयी होकर10,000/रुपये अग्रिम ले लिया था और बगैर पंच बैठक के ही ठेका देना चाहा किंतु इस बार ग्रामवासियों एवं पंचों ने देवस्थान बनवाये जाने की ठानी एवं प्रति सप्ताह भी वार्ड के एक पंच वसूलकर राशि इस पंचवर्षीय के शेष कार्यकाल दो वर्ष तक एकत्रित होने पर देवस्थान का जीर्णोद्धार कराने का महत्वपूर्ण और ईमानपूर्ण निर्णय लिया।

जिस पर राशि एकत्र भी किया जा रहा है,ग्रामवासी,पंचगण ने सामूहिक निर्णय लेते हुए उपसरपंच की अगुवाई पर विश्वास जताते हुए बाजार वसूली का लिखित अधिकार पत्र दिया है जिस पर सरपंच के भी हस्ताक्षर हैं जिससे थोड़ी शांति कायम है..इधर सरपंच के चहेते ठेकेदार ने ठेका नही मिलने पर अपनी दी हुई10,000/रु.की राशि मांगी जा रही है जिसकी भरपाई के लिए सरपंच अब भी चहेते को बाजार ठेका देने एड़ीचोटी एक किये हुए हैं जिससे पुनः अशांति की स्थिति बन रही है,इसका सबसे दुखद पहलू यह है कि इस अराजकता के फैलने में पंचायत विभाग के अधिकारियों एवं आडिटर की मिलीभगत है,तभी तो शिकायत-जानकारी देने पर भी पंचायत विभाग कार्यवाही करने के बजाय उससे बचने के गुर सिखा रहा है.

 

जबकि ग्रामवासी एवं पंचगण पिछले तीन साल के बाजार ठेके का हिसाब चाहते हैं,सरपंच के इन मनमाने कृत्यों से ग्राम में ब्यापक अशांति है जो कभी भी उग्र विवाद का रूप धारण कर सकता है,,(4)ग्राम पंचायत बरौर के प्रत्येक निर्माण कार्य अत्यंत घटिया स्तर के होने के साथ शासकीय राशि के दुरुपयोग एवं गबन से युक्त हैं,संबंधित अधिकारियों ने सरपंच का साथ गुणवत्ता पर ही नही बल्कि गलत माप कर भी दिया है,इसके जांच हेतु भी लिखा गया है किंतु यह जांच भी नही किया गया है,सही,सूक्ष्म एवं नीष्पक्ष जांच होने पर सरपंच द्वारा पैंतीस लाख रुपये से अधिक की राशि गबन,दुरुपयोग एवं हड़प किये जाने का खुलासा हो सकेगा,बरसात 2023 के पूर्व यदि जांच किये जाते हैं तो कुछ ऐसे पुष्ट विषय भी सामने आवेंगे क्योंकि मिट्टी मुरुम के जो काम हुए ही नहीं हैं फिर भी सरपंच ने अधिकारियों की मिलीभगत से कागज में काम दिखला कर राशि आहरित कर हड़प लिया है,वर्षा होने पर उक्त कार्यों के मिट्टी मुरुप बह जाना कहकर बच लिया जायेगा, (5)सरपंच बरौर ने कई अच्छे शासकीय भवनों को बगैर डिस्मेंटल आर्डर लिये तुड़वाकर उनमें से निकले हुए.

दरवाजे,खिड़की,शीट,कीमती मजबूत लकड़ियों, खपड़ों को बेचकर चार लाख रुपये की राशि मात्र इससे ही गबन किया है,डिस्मेंटल आर्डर दिये जाने की जानकारी पंचायत विभाग से चाहे जाने पर जानकारी नही दी गई(6)सरपंच बरौर ने सीधे सादे,अनपढ,अल्पशिक्षित पंचों की अज्ञानता का नाजायज लाभ लेते हुए बगैर किसी पंचायत बैठक एवं बगैर प्रस्ताव के सभी तरह के शासकीय राशियों का आहरण किया है जिसमें पंचायत विभाग एवं बैंक की संलिप्तता स्पष्ट परिलक्षित होती है,,98% प्रस्ताव को स्वयं लिख-लिखवा कर सरपंच ने धोखाधड़ी करते हुए राशि आहरण एवं सभी अवैध कार्य किये हैं,कोई भी कार्य नियमानुसार नही किया गया है.

सूक्ष्म और निष्पक्ष जांच होने पर दावे के साथ कहा जा सकता है कि सबसे बरौर सरपंच से बड़ा धूर्त,चालबाज,जालसाज, धोखेबाज,गबनी और जबरई करने वाला सरपंच छत्तीसगढ़ राज्य मे नही हो सकता है..सरपंच बरौर के अन्य सैकड़ों ऐसे कुकृत्य हैं जिन सबको अभी लिखने के बजाय जांच के समय प्रमाणित किये जा सकेंगे,सरपंच बरौर के द्वारा इतनी बड़ी राशि का गबन,गड़बडी़ किया गया है जिससे बड़े जांचकर्ता को मैनेज किया जा सकता है,,इस पर कई बार लिखने के बाद किसी भी विभाग द्वारा कार्यवाही नही किया जाना इस सत्यता को स्वमेव सिद्ध करता है..पंचों एवं ग्रामवासियों को आशा ही नही नही विश्वास है कि राज्य सीमा के अंतिम ग्राम बरौर सरपंच के द्वारा किये गये ब्यापक गड़बडिय़ों की जांच कर उन पर f.i.r.,गिरफ्तारी, बर्खास्तगी और वसूली की कार्यवाही की जावेगी।