Uttarkashi Tunnel Rescue

Uttarkashi Tunnel Rescue: अंधेरी सुरंग से बचाए गए मजदूरों ने सुनाई आपबीती, बताए कैसे कटे वो 17 दिन, मजदूरों के परिजनों के चेहरे पर छाई खुशी

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Uttarkashi Tunnel Rescue:उत्तरकाशी: उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार रात सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे कर्मचारियों ने जयकार लगाए और विजय का साइन दिखाया है। इसके बाद एक-एक कर कई एंबुलेंस अंदर भेजी गई। डॉक्टर भी तैनात है। एक मजदूर को निकालने में तीन से चार मिनट का समय लगा। एक.एक कर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। सुरंग के अंदर ही मेडिकल कैंप बनाया गया है।

 

Uttarkashi Tunnel Rescue: बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 17वां दिन है। मजदूरों के परिजन को अंदर भेजा गया है। ये परिजन अलग-अलग प्रदेशों से आए थे। इन्हें गेट पास जारी किए गए थे। मजदूरों का सुरंग के भीतर ही स्वास्थ्य परीक्षण होगा। सुरंग के भीतर जहां मजदूर फंसे हैं, वहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री है, जबकि सुरंग के बाहर सिलक्यारा का वर्तमान तापमान 10 डिग्री के आसपास है। यही भी एक कारण है कि मजदूरों को एकदम से बाहर नहीं निकाला जाएगा।

Uttarkashi Tunnel Rescue: इसके बाद रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया। जिसके बाद श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता मिली। उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से उनके सफल बचाव की खबर मिलने पर 41 फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के चेहरे पर राहत और खुशी छा गई। लंबे समय तक हताशा सहने वाले परिवारों ने बचाव का जश्न मनाया। इस बीच, बचाए गए मजदूर भी मीडिया के सामने आए हैं। उन्होंने वहां की पूरी आपबीती बताई है।

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए 41 श्रमिकों में से चिन्यालीसौड़ के मजदूर सुबोध कुमार वर्मा ने बताया कि हमें वहां (सुरंग) पर 24 घंटों तक खान-पान और हवा से संबंधित परेशानी हुई। इसके बाद पाइप के द्वारा खाने-पीने की चीजें भेजी गईं। मैं स्वस्थ हूं, कोई परेशानी नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार की मेहनत थी जिस वजह से मैं निकल पाया।

Uttarkashi Tunnel Rescue: इनके अवाला, उत्तरकाशी सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए 41 श्रमिकों में से एक चिन्यालीसौड़ के विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा कि जब मलबा गिरा तो हमें पता चल गया कि हम फंस गए हैं। सभी हमें निकालने के प्रयास में लगे रहे। हर तरह की व्यवस्था की गई। ऑक्सीजन की, खाने-पीने की व्यवस्था की गई। पहले 10-15 घंटे हमें दिक्कत का सामना करना पड़ा, बाद में पाइप के द्वारा खाना उपलब्ध कराया गया। बाद में माइक लगाया गया था और परिवार से बात हो रही थी। अब मैं खुश हूं।

Uttarkashi Tunnel Rescue: आपको बता दें कि काम करते-करते अचानक सुरंग के भीतर मलबा गिरने से 41 मजदूर भीतर फंस गए। उन्होंने अपने जीवन के नौ दिन का गुजारा केवल ड्राई फ्रूट्स और चने खाकर भीतर बह रहे स्रोत के पानी से किया। उनके पास सोने को बिस्तर था न शौचालय की सुविधा। ऑपरेशन सिलक्यारा में सभी मजदूरों की जिंदादिली एक नजीर बन गई।

Uttarkashi Tunnel Rescue: 12 नवंबर की सुबह करीब 5:30 बजे जिस वक्त सुरंग में हादसा हुआ तो मजदूरों की आवाज सुनने के लिए केवल चार इंच का एक पाइप ही माध्यम बचा। पहले सबसे बात हुई तो पता चला कि सभी बच गए, लेकिन फंस गए। इसके बाद उन्हें भूख लगने लगी, लेकिन कोई ऐसा माध्यम नहीं था, जिससे उन्हें भोजन भेजा जा सके।

Uttarkashi Tunnel Rescue: 20 नवंबर तक उन्हें केवल जरूरी दवाएं, चने और ड्राई फ्रूट ही इस चार इंच के पाइप से प्रेशर के माध्यम से भेजे जाते रहे। सभी मजदूर इससे किसी तरह अपनी भूख शांत कर जिंदादिली से उन पलों का इंतजार करते रहे, जब उन्हें बचाकर बाहर निकाला जाएगा। कई मजदूरों को पेट दर्द की शिकायत भी हुई। बावजूद इसके उन्होंने हौसला नहीं हारा।

Uttarkashi Tunnel Rescue: 20 नवंबर को जैसे ही छह इंच के पाइप को भीतर तक पहुंचाने में कामयाबी मिली तो मजदूरों को भी कुछ राहत मिलनी शुरू हो गई। उन्हें खिचड़ी, केले, संतरे, दाल-चावल, रोटी के अलावा ब्रश, टूथपेस्ट, दवाएं, जरूरी कपड़े आदि भेजे गए।

Uttarkashi Tunnel Rescue: टनल के भीतर इन 13 दिन में उनकी दिनचर्या तो कुछ बनी, लेकिन बाहर आने की व्याकुलता बरकरार रही। डॉक्टर, मनोचिकित्सक उनका हौसला बढ़ाते रहे। आखिरकार इसी जीवंतता के दम पर वह मजदूर सुरक्षित बाहर निकलने में सफल हो पाए।

 

Uttarkashi Tunnel Rescue: सिल्क्यारा सुरंग से उनके सफल बचाव की खबर मिलने पर 41 फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के चेहरे पर राहत और खुशी छा गई। लंबे समय तक हताशा सहने वाले परिवारों ने बचाव का जश्न मनाया और अपने प्रियजनों को वापस लाने के लिए सरकार को तहे दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी जाहिर की।

Uttarkashi Tunnel Rescue: परिवार के कुछ सदस्य श्रमिकों का हाल जानने के लिए उनके साथ वीडियो कॉल पर लगे रहे। कई रिश्तेदार, जो घटना के कुछ दिन बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे और तब से वहीं डेरा डाले हुए थे, आखिरकार अपने प्रियजनों से मिल गए।

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में फंसे एक मजदूर मंजीत के आवास पर जश्न मनाया गया। मंजीत के पिता ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि मेरे बेटे को सुरक्षित बचा लिया गया है। सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।”