chaitra navratri : चैत्र नवरात्रि का पर्व आज से शुरू हो चुका है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिल रहा है। इस साल देवी मां गज (हाथी) पर सवार होकर आ रही हैं, जिससे इस नवरात्र को विशेष महत्व दिया जा रहा है। पंडित धीरजकृष्ण शर्मा के अनुसार, इस बार अमृत योग और सर्वार्थ योग बन रहे हैं, जो पूरे वर्ष सुख, समृद्धि और अतिवृष्टि की संभावना को दर्शाते हैं।
छत्तीसगढ़ के 5 प्रमुख शक्तिपीठों की विशेषताएँ
1. माँ महामाया मंदिर (रतनपुर, बिलासपुर)
– माँ महामाया, 52 शक्ति पीठों में से एक है, जो महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती को समर्पित है। यह देवी को कोसलेश्वरी के रूप में पूजा जाता है, जो दक्षिण कोसल क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं।
– इस नवरात्रि में 31,000 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे, जिसमें 5,000 कलश घी के होंगे।
– रतनपुर जाने के लिए बिलासपुर से बस या टैक्सी उपलब्ध हैं। लाइव आरती का प्रसारण भी किया जाएगा।
2. माँ बम्लेश्वरी देवी (डोंगरगढ़)
– माँ बम्लेश्वरी का मंदिर 2000 साल पुराना है और आस्था का प्रमुख केंद्र है। इसे वैभवशाली कामाख्या नगरी कहा जाता है।
– इस बार, पहाड़ी पर 7,500 और मंदिर में 900 दीप जलाए जाएंगे।
– श्रद्धालुओं के लिए सीढ़ियों के साथ-साथ रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। रायपुर से 100 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
3. माँ चंद्रहासिनी (चंद्रपुर, सक्ती)
– यह मंदिर माँ दुर्गा के 52 शक्तिपीठों में से एक है, जहां देवी सती का अधोदंत गिरा था।
– इस नवरात्रि में 6,000 से अधिक ज्योति कलश जलाए जाएंगे। चंद्रहासिनी मंदिर तक जाने के लिए प्राइवेट वाहन या टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
4. माँ दंतेश्वरी (दंतेवाड़ा)
– 14वीं शताब्दी में स्थापित यह मंदिर काले पत्थर से तराशी गई माँ की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
– इस बार 6,000 ज्योति कलश जलाए जाएंगे।
– रायपुर से 350 किमी दूर स्थित इस मंदिर में VIP दर्शन की व्यवस्था भी होगी, जिसमें 500 रुपए शुल्क लिया जाएगा।
5. माँ जतमई (गरियाबंद)
– इस मंदिर में जलधाराएँ माता की दासी मानी जाती हैं और माता की पत्थर की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित है।
– 8,000 ज्योति कलश जलाए जाएंगे।
– रायपुर से स्वयं के वाहन या टैक्सी से यहाँ पहुँचा जा सकता है, क्योंकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा सीमित है।
अन्य प्रमुख स्थानों पर व्यवस्थाएँ:
– माँ अंगार मोती (गंगरेल): इस बार 3,300 ज्योति कलश जलाए जाएंगे। रायपुर से धमतरी तक बस सेवा है, फिर टैक्सी या ऑटो द्वारा गंगरेल डैम तक पहुँच सकते हैं।
– माँ चंडी (महासमुंद): 6,000 से 7,000 ज्योति कलश जलाने की व्यवस्था की गई है। बागबहारा से टैक्सी या ऑटो द्वारा यहाँ पहुँचा जा सकता है।
– माँ बरफानी धाम (राजनांदगांव)**: इस मंदिर में 2,000 ज्योति कलश जलाए जाएंगे। राजनांदगांव रेलवे स्टेशन से ऑटो द्वारा मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
chaitra navratri : इन सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं, जैसे कि ज्योति कलश जलाने, दर्शन-पूजन, भोजनालयों, विश्रामालयों और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था।