liquor scam : शराब घोटाला : विजय भाटिया दिल्ली से गिरफ्तार, यहां 6 ठिकानों पर EOW-ACB की छापेमारी
liquor scam : रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ACB-EOW की टीम ने शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। भाटिया को रायपुर लाया जा रहा है। इसके साथ ही दुर्ग-भिलाई में भाटिया के छह से अधिक ठिकानों पर छापेमारी जारी है।
liquor scam : सुबह 6 बजे से ही EOW अधिकारी भिलाई के नेहरू नगर स्थित भाटिया के निवास पर जांच कर रहे हैं। दो अलग-अलग गाड़ियों में पहुंचे सात अधिकारियों ने घर को चारों ओर से घेरकर पूछताछ शुरू की। घर के नौकरों को काम करने की अनुमति दी गई है, लेकिन उनसे भी पूछताछ की जा रही है। जांच टीम में महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले भाटिया के घर ED ने भी छापा मारा था, जिसके बाद से वह फरार था और अब जाकर गिरफ्त में आया है।
liquor scam : इससे पहले ED ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर उनके करीबी सहयोगियों – राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, OSD आशीष वर्मा, मनीष बंछोर और विजय भाटिया के घर एक साथ चार जगहों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थी।
liquor scam : 12 दिन पहले ACB और EOW ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 39 ठिकानों पर छापेमारी की थी। दुर्ग-भिलाई, धमतरी और महासमुंद में की गई इस कार्रवाई में करीब 90 लाख रुपये नकद, सोना-चांदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए थे।
liquor scam : छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच ED द्वारा की जा रही है, जिसने ACB में एफआईआर दर्ज कराई है। FIR के अनुसार यह घोटाला दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। जांच में सामने आया कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह घोटाला एक सिंडिकेट के जरिए हुआ, जिसमें IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन MD एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर शामिल थे।
liquor scam : 2019 से 2022 के बीच अवैध शराब की बिक्री डुप्लीकेट होलोग्राम के माध्यम से की गई, जिससे राज्य सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ। ED का आरोप है कि तत्कालीन मंत्री कवासी लखमा इस सिंडिकेट का हिस्सा थे और उन्हें हर महीने 2 करोड़ रुपये की राशि दी जाती थी। यह पैसा उनके बेटे के घर निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में खर्च हुआ।
liquor scam : ED के अनुसार, इस घोटाले से सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचा और 2100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई सिंडिकेट ने की।
liquor scam : ED ने शराब घोटाले को तीन हिस्सों में बांटा है:
पार्ट-A: डिस्टिलर्स से शराब खरीद पर रिश्वत
पार्ट-B: बेहिसाब कच्ची शराब की ऑफ-द-बुक बिक्री
पार्ट-C: बाजार में हिस्सेदारी और लाइसेंस के जरिए कमीशन
liquor scam : FL-10A और FL-10B जैसे लाइसेंसों का इस्तेमाल इस घोटाले में किया गया। ये लाइसेंस विदेशी शराब की खरीद, भंडारण और परिवहन के लिए जारी किए गए थे, लेकिन भंडारण और ट्रांसपोर्ट का काम ठेके पर देने की बजाय सीधे बेवरेज कॉर्पोरेशन को सौंप दिया गया।