रायपुर। पंजीयन शुल्क में 30 प्रतिशत की छूट का फायद लोग उठा रहे हैं। वित्तीय वर्ष में रजिस्ट्री की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन से एक दिन पहले तक सिर्फ रायपुर में 60611 रजिस्ट्री हुई, जिसमें 777 करोड़ रुपए राजस्व मिला।
बता दें कि रायपुर को इस साल 550 करोड़ का लक्ष्य मिला था, जिसे फरवरी में ही पूरा कर लिया गया था, इस कारण टार्गेट को और बढ़ा दिया गया। टार्गेट 592 करोड़ कर दिया गया, इसे भी 15 मार्च के आसपास पूरा कर लिया गया था।
यानी रायपुर ने 550 करोड़ के हिसाब से 141 फीसदी की रजिस्ट्री की है। बता दें कि वित्तीय वर्ष के यानि 31अप्रैल लास्ट दिन है। रायपुर में रजिस्ट्री टार्गेट से 141 फीसदी ज्यादा हुआ है। प्रदेश में आज 2200 करोड़ के पार होने की उम्मीद है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में छोटे प्लाटों पर रजिस्ट्री की रोक हटा दी है। छोटे प्लाटों के पंजीयन पर रोक हटने के बाद इसका सबसे ज्यादा फायदा गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार को मिल रहा है, क्योंकि मध्यम वर्गीय परिवार के लोग बड़े मकानों की रजिस्ट्री कराने के लिए उतने पैसे नहीं जुटा पाते थे।
शासन की इस योजना से अब हर वर्ग के लिए छोटे प्लाट खरीदना आसान हो गया है। वहीं दूसरी तरफ जिनके पास पैसा नहीं है, लेकिन जमीन है, वे मजबूरी में छोटे प्लाट को बेच नहीं सकते थे, ऐसे लोगों को भी लाभ मिल रहा है। इस कारण रजिस्ट्री कार्यालयों में राजस्व का इजाफा हो रहा है।
रजिस्ट्री में हुआ इजाफा…
बताया जा रहा है कि इस साल छपोरा, डुंडा, कचना, सड्डू, निमोरा, देवपुरी, सेजबहार, पिरदा एवं आउटर के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी कॉलोनियां बस रही हैं। रायपुर के कई इलाकों में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट आ रहे हैं। इसलिए रजिस्ट्री में पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल इजाफा हुआ है।
प्रदेश में 33 लाख 6 हजार 456 रजिस्ट्री हुई
प्रदेश में 30 मार्च 2023 तक 33 लाख 6 हजार 456 रजिस्ट्री हुई है। इससे शासन को 2182 करोड़ का राजस्व मिला है। पिछली बार 1800 करोड़ का टारगेट था। इस बार 21 सौ करोड़ का था। 104 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो गया है। पंजीयन अफसरों के मुताबिक 31 मार्च तक 22 सौ करोड़ का आंकड़ा पार हो जाएगा। इस साल रायपुर की सबसे बड़ी रजिस्ट्री शैलेन्द्र नगर में 50 करोड़ के कॉम्पलेक्स की बताई जा रही है।