दीपक गुप्ता/ पेंड्रा: वेतन विसंगति सहित अपने 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारी छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आक्रोश जताते हुए काली पट्टी लगाकर सरकारी कामकाज निपटा रहे हैं। कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के निर्णय अनुसार लंबित मांगों के पूरा नहीं होने पर काली पट्टी लगाकर कार्य करते रहेंगे।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ वेतन विसंगति निराकरण समिति कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष शेष नारायण जायसवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने पूर्व में सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार जानकारी दी कि वेतन विसंगति सहित विभिन्न मांगों को लेकर तहसीलदार ,नायब तहसीलदारों के हित में समय-समय पर ज्ञापन शासन को सौंपा गया था.
जिस पर शासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है जबकि तहसीलदार प्रशासन के अत्यंत महत्वपूर्ण अंग बनकर राजस्व प्रकरणों के निराकरण करने के साथ ही कानून व्यवस्था, अतिवृष्टि, अल्पवृष्टि, सूखा, बाढ जनगणना, निर्वाचन, कार्यपालिक दण्डाधिकारी के रूप में शव पंचनामा शिनाख्ती की कार्यवाही करना, जनसमस्या निवारण शिविरों में प्रकरणों एवं समस्याओं का निराकरण, राजस्व वसूली, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण करना, प्रोटोकॉल अंतर्गत व्ही. आई.पी. ड्यूटी के साथ ही जिला प्रशासन के महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभातें हुए विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए शासन के सभी महत्वकांक्षी योजनाओं के समयानुकुल एवं गुणवत्तापूर्वक निराकरण में सहभागी बनकर कार्य करते है,
परंतु वर्तमान में लंबे अरसे से तहसीलदार,नायब तहसीलदारों की मांग के निराकरण बाबत् शासन की उदासीनता एवं किसी प्रकार की कोई पहल नहीं किये जाने से तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार उपेक्षित महसूस कर रहे हैं तथा शासन के प्रति असंतोष की भावना प्रबल होते जा रही है जिसके कारण कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारी कर्मचारियों को पूरे छत्तीसगढ़ में काली पट्टी लगाकर सरकारी कामकाज करना पड़ रहा है। श्री जायसवाल ने बताया कि छ0ग0 कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के तत्वाधान में सर्व तहसीलदार , नायब तहसीलदार की जो मांग है उसमें वेतन विसंगति दूर किया जाये क्योंकि
तहसीलदार लोक सेवा आयोग /विभागीय परीक्षा द्वारा चयनित नायब तहसीलदारों को प्रशासनिक कुशलता पश्चात् पात्रता अनुसार पदोन्नति उपरांत प्राप्त पद हैं। जो कि तहसील स्तर पर प्रशासन की महत्त्वपूर्ण कड़ी बनकर जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करते है परंतु पदोन्नत होकर भी वेतन ग्रेड पे बढ़कर केवल 4200 से 4300 (लेवल 10) दिया जा रहा है। जबकि कई अन्य विभागों में यह लेवल नवीन पदनियुक्ति पर ही विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों को दिया जाता है। जबकि तहसीलदार पदोन्नत होकर भी वेतन स्लैब में अपेक्षित वेतनमान नहीं मिलने के कारण उपेक्षित है।
तहसीलदार किसी भी तहसील के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करते है। जिसे सभी जिला / तहसील / विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों के साथ समन्वयन स्थापित करते हुए जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार कार्यों का संपादन कराना होता है। विकासखण्ड स्तर पर कार्यरत अन्य अधिकारी जिनका वेतन तहसीलदारों की तुलना में अधिक है जिसमें मुख्य नगरपालिका अधिकारी कृषि विस्तार अधिकारी एवं अन्य अधिकारी का वेतन लेबल उनसे अधिक है वही छत्तीसगढ़ से जुड़ें अन्य पड़ोसी राज्य जैसे ओड़िसा उत्तर प्रदेश झारखण्ड महाराष्ट्र. तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में तहसीलदारों का वेतन वेतनमान स्लैब के लेवल 12 (छठवें वेतनमान अनुसार 5400 ग्रेड पे ) के अनुसार वेतन प्रदाय किया जा रहा है जबकि छत्तीसगढ़ में वेतनमान स्लैब के लेवल 109 के अनुसार वेतन दिया रहा है। जो कि इन राज्यों की तुलना में 03 लेवल पीछे है।
पंजाब और हरियाणा में तहसीलदारों को ग्रुप अ सेवा में रखते हुए लेवल 12 वेतनमान अनुसार ही वेतन दिया जा रहा है। आंध्र प्रदेश में भी तहसीलदारों को मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर पद के तुल्य मानकर लेवल 12 का ही वेतनमान दिया जा रहा है।तहसीलदार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रमुख इकाई के रूप में विभाग का सर्वोच्च पद है। जबकि राजस्व अधिकारी के रूप में प्रतिष्ठित कलेक्टर का पद भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राज्य प्रशासनिक सेवा का पद है। वही भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा डिप्टी कलेक्टर का म्दजतल स्मअमसवेतनमान एक समान ही लेवल 12 (Entry Level) के अनुसार ही स्वीकृत है।
तहसीलदार अपने स्थानीय क्षेत्राधिकार कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की भूमिका का निर्वहन सहित निवार्चन में सहायक निर्वाचक रजीस्टीकरण अधिकारी एवं रिटर्निंग / सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका का निर्वहन करते हुए सदैव द्वय पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करते है फिर भी वेतन के लिए अन्य समकक्ष अधिकारियों की तुलना में अत्यंत उपेक्षित है। श्री जायसवाल ने शासन से मांग की है कि तहसीलदारों की गरिमा पदस्तर कार्य की प्रकृति, जिम्मेंदारी आदि के दृष्टिगत वेतन विसंगति को दूरकर वेतन में सुधार करते हुए सम्मानजनक व अन्य समकक्ष अधिकारियों के समान सातवें वेतनमान आयोग के लेवल 12 या समकक्ष गणना अनुसार वेतन प्रदाय किया जाए।