IPS CASE: वाराणसी। एक आईपीएस अधिकारी पर रिश्वत का आरोप लगा है। जांच में भी उन्हें दोषी पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल होने के बाद जांच की गई। जांच में सही पाए गए हैं। स्कूल संचालक से लाखों रूपए की रिश्वत की मांग करने वाले आईपीएस अनिरुद्ध सिंह है।
IPS CASE: सरकार ने अब उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। रिश्वत मामले में फंसे आईपीएस को अब आरोप पत्र दिया जाएगा और पूरे मामले पर जवाब मांगा जाएगा।
IPS CASE: 20 लाख रूपए मांगने का आरोप
IPS CASE: अफसर पर वाराणसी के एक स्कूल संचालक से 20 लाख रूपए मांगने का आरोप है, जिसका वीडियो कुछ समय पहले सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। वीडियों के वारयल होने के बाद कमिश्नर के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई थी। जांच में आईपीएस अनिरुद्ध सिंह को दोषी पाया गया।
IPS CASE: जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो पुराना (मार्च) का बताया जा रहा हैं। वीडियो में बिहार निवासी 2018 बैच के अनिरुद्ध सिंह खुद डील करते दिखाई दिए थे। रिश्वत वसूली तब का बताया जा रहा है जब, अनिरुद्ध सिंह वाराणसी में तैनात थे। अनिरुद्ध सिंह वाराणसी के चैतगंज में आईपीएस के पद पर थे, उस दौरान एक स्कूल के मालिक पर रेप की एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले में संचालक से अनिरुद्ध ने 20 लाख की डिमांड की थी।
IPS CASE: तबादला करके उन्हें बचाने की कोशिश की गई थी
IPS CASE: हालांकि, उस समय आईपीएस अनिरुद्ध सिंह की तरफ से सफाई देते हुए कहा गया था कि मामले में आरोपी पक्ष की तरफ से लगातार दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा था। उसे ट्रैप करने के लिए ये पूरी बातचीत की गई थी। अनिरुद्ध का कहना है कि ये सभी बातें आलाधिकारियों के संज्ञान में थीं। बातचीत के दौरान अनिरुद्ध सिंह ने 20 लाख की घूस मांगी थी। रिश्वत मांगने की वीडियो वायरल होने के बाद उनका तबादला करके उन्हें बचाने की कोशिश की गई थी।
IPS CASE: अनिरुद्ध के खिलाफ विभागीय जांच करवाने के आदेश दिए
IPS CASE: रिश्वत मांगने के मामले को वाराणसी कमिश्नर की जांच में सही पाया गया। राज्य सरकार ने शुक्रवार की शाम को अनिरुद्ध के खिलाफ विभागीय जांच करवाने के आदेश दिए हैं।
IPS CASE: वाराणसी से हटाकर, कानपुर में तैनात कर दिया था
IPS CASE: बता दें कि आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह की बीवी आईपीएस आरती सिंह, भी वाराणसी पोस्टिंग के दौरान बुरी तरह से चर्चाओं में रही थीं। उनके ऊपर आरोप लगा था कि वे जिस मकान में किराए पर रह रही थीं, उसका किराया तक भरने को राजी नहीं थीं। हालांकि महकमे ने उनकी हरकतों के सामने आते ही उन्हें भी वाराणसी से हटाकर, कानपुर में तैनात कर दिया था।