सरपंचों ने कहा-राजिम – नवापारा तत्काल जिला बने, एक सरपंच ने 32 एकड़ जमीन देने तो दूसरे ने दूरी से विकास को प्रभावित होना बताया

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सरपंचों ने कहा-राजिम – नवापारा तत्काल जिला बने, एक सरपंच ने 32 एकड़ जमीन देने तो दूसरे ने दूरी से विकास को प्रभावित होना बताया

राजिम जिला की मांग पर आम जनता से लेकर जनप्रतिनिधि अड़े ….।

डीके ठाकुर / गरियबंद-राजिम-नवापारा । लगातार राजिम जिला की मांग बलवती होती जा रही है। सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया। उसके बाद से 17 नए जिले बनकर जिलों की संख्या प्रदेश में कुल 33 हो गई हैं। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में 36 जिला हो सकते हैं ऐसे में तीन जिला और बनाए जाएंगे। लगातार राजिम जिला बनाने की मांग अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से हो रही है अब तो यहां के करीब तीन लाख जनता की एक ही आवाज राजिम जिला बने गूंज रही है। हर चौक चौराहे से लेकर गांव के चौपाल तथा शहर के कार्यालयों में भी यही बात हो रही है। जिला बनाने के लिए गांव से चुने हुए सरपंच आगे आ रहे हैं। पंचायत के सरपंचों का स्पष्ट रूप से कहना है कि राजिम हर दृष्टिकोण से जिला बनने के काबिल है इसे अविलंब जिला बनाया जाना चाहिए। धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक सभी क्षेत्रों में इनका अपना अलग महत्व है।

इस संबंध में भैंसातरा के सरपंच इंदरमन साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार राजिम को तत्काल जिला बनाएं। इसके लिए जरूरत पड़ी तो मैं अपने 32 एकड़ की जमीन प्रस्ताव कर के दे दूंगा। इसके अलावा जो सहयोग मेरे से होगा मैं उसे जरूर पूरा करूंगा। बशर्ते राजिम जिला बने। कब तक हम 45 – 50 किलोमीटर की दूरी तय करते रहेंगे। हमारे
बाप दादा ने भी अधिक दूरी होने के कारण जिला मुख्यालय के नाम पर शासन की योजनाओं से दूर रहा है। पहले रायपुर जिला में थे अब गरियाबंद जिला हो गया है। दूरी तो सेम है। हमारे आने वाली पीढ़ी को सहूलियत हो। अतः राजिम का जिला बनना बहुत जरूरी है। हम अपने पंचायत के बैठक में प्रस्ताव बनाकर शासन प्रशासन को भेजेंगे ताकि इस दिशा में शीघ्र पहल हो।

फिंगेश्वर ब्लॉक सरपंच संघ के अध्यक्ष एवं रोहिना सरपंच होमन लाल साहू ने कहा कि जरूरत पड़ने पर फिंगेश्वर विकासखंड के सभी ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा, जिसमें राजिम को शीघ्र जिला बनाने की मांग होगी। स्थानीय स्तर पर जिला मुख्यालय होने से विकास ज्यादा होगा। पहले हम मध्यप्रदेश राज्य में थे तब कोई पूछने वाला नहीं था। छत्तीसगढ़ को पिछड़ा हुआ क्षेत्र समझा जाता था। राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में पहचान बनाई है। गरियाबंद जिला अपने आप में वृहद है। राजिम जिला में फिंगेश्वर, अभनपुर, मगरलोड, छुरा ब्लॉक को मिला देना चाहिए। इससे यहां के लोगों को काफी सुविधा मिलेगी।

अभनपुर विकासखंड के जौंदा सरपंच संतोषी ज्ञानचंद यादव ने कहा कि राजिम नवापारा सौ फ़ीसदी जिला बनना चाहिए। जौंदा में बहुत बड़ा जगह है। आवश्यकता हो तो हम जिला के लिए उन्हें दे सकते हैं। वर्तमान में रायपुर जिला मुख्यालय जाने में पूरे 45 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। राजधानी होने के कारण ट्रैफिक का दबाव और आने जाने में बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है। दिन भर का समय लग जाता है कई बार तो तेज धूप एवं बारिश से सफर करने में बड़ी दिक्कत हो जाती है। राजिम जिला बनने से विकास में तेजी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे इससे हमारे आने वाले पीढ़ी को फायदा जरूर मिलेगी।

मगरलोड ब्लाक के बुडेनी ग्राम पंचायत के उपसरपंच गोकुल साहू ने कहा कि शीघ्र नया जिला बनाया जाना चाहिए। राजिम बिल्कुल नजदीक है। जिला बनने की दशा में हमें 65 किलोमीटर दूर धमतरी जाने से मुक्ति मिलेगी। आने जाने में ही बड़ी समस्या होती है किसी काम को लेकर धमतरी जाएं और रात हो जाए तो रुकने में परेशानी होती है क्योंकि 65 किलोमीटर की दूरी एक बड़ा अंतराल है। दूसरी बात राजिम नवापारा हर दृष्टिकोण से परिपक्व है। प्रदेश में नए जिले बने हैं लेकिन उनमें से राजिम का नाम नहीं आना विडंबना है। शीघ्र राजिम जिला बने और हमारे ग्राम पंचायत को भी उस में जोड़ा जाए।

बेलटुकरी के सरपंच भावना राम प्रकाश देवांगन ने कहा कि छोटे जिला बनने से शासन की योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगी। यह दूरी विकास को प्रभावित करती है। जिला स्तर के अधिकारी के बैठने से विकास जरूर होगा। यह तो बहुत पहले बन जाना चाहिए था। विश्व का पंचकोसी परिक्रमा सिर्फ कमलक्षेत्र में किया जाता है। यह छत्तीसगढ़ का प्रयाग है। ऐसा तीर्थ क्षेत्र पूरी दुनिया में नहीं है। जिला मुख्यालय दूर में होने के कारण इस प्राकृतिक स्थल की देखरेख ठीक नहीं हो पा रही है छोटे जिला बनने से प्रशासनिक कसावट आएगी। राजिम से लगा हुआ बासीन का पत्थर देश विदेश में भेजा जा रहा है इससे प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपया का राजस्व मिल रहा है जिला बनने से पंख लगेंगे।

किरवई के सरपंच यथार्थ शर्मा ने कहा कि जनता की मांग और दिक्कतों को देखते हुए राजिम को अविलंब जिला बना देना चाहिए। संत कवि पवन दीवान ने कई बार राजिम जिला बनाने की मांग प्रदेश के कद्दावर नेताओं से कर चुके हैं और उन्हें आश्वासन भी मिला था लेकिन उनका सपना अभी भी अधूरा है राजिम के जिला बनने से उनके सपने पूरे होंगे तथा क्षेत्रीय लोगों को सुविधाएं मिलेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, रोजगार के साथ हर क्षेत्र में प्रोग्रेस करेगा।

कुम्ही के सरपंच खेमसिंह ध्रुव ने कहा कि राजिम जिला बनना जरूरी है हम प्रदेश सरकार से ग्राम पंचायत में प्रस्ताव लाकर मांग करेंगे। 50 – 50 किलोमीटर की दूरी तय कर हम थक गए हैं राजिम के जिला बनने से विकास के साथ ही गांव की तरक्की होगी। वैसे भी पूरी दुनिया में भगवान राजीवलोचन एवं कुलेश्वरनाथ महादेव की नगरी के नाम से विख्यात है प्रदेश का सबसे बड़ा मेला यही लगता है। देशभर के तमाम बड़े तीर्थ नगरी जिला बन चुके हैं। राजिम अभी तक नहीं बन पाया है। अतः प्रदेश सरकार इन्हें शीघ्र जिला बनाएं।